भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने वाराणसी में सहकारिता प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यसमिति का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र सहकारिता के माध्यम से बनाया जा सकता है। आवश्यकता है इस दिशा में कार्य करने की। श्री मिश्र ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र ने सहकारिता के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए आम आदमी के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम किया है। गुजरात में श्वेत क्रान्ति के रूप में अभूतपूर्व कार्य किया गया है वहीं महाराष्ट्र ने गन्ना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करके नये मानक बनाये है। हमारे वेद पुराणों में भी सहकारिता के आधार पर कार्य करने की भावना विकसित की गयी है।
उन्हांेने कहा कि हम किसानों को एक लाख तक शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दे सकते हैं। तथा तीन लाख तक एक प्रतिशत ब्याज पर भी ऋण उपलब्ध करा सकते हैं बशर्ते इसको मजबूत करके सहकारी आन्दोलन को सफल बनाने की जरूरत है। स्वयं सहायता समूह में आम आदमी की सहभागिता उसमें आत्मविश्वास एवं स्वाभिमान पैदा करती है। वहीं स्वाभिमान सशक्त राष्ट्रवाद पैदा करता है।
श्री मिश्र ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि भारतीय संस्कृति में एक दूसरे की चिन्ता करते हुए एक-दूसरे की रक्षा करने की भावना है। जब तक दीन दुखी गरीब के चेहरे पर मुस्कान नहीं ला सकते तबतक हम अपने को विकसित नहीं कह सकते ।
श्री मिश्र ने आवहन करते हुए कि सहकारिता आन्दोलन को पूरे देश में अभियान चलाकर जन-जन से जोड़नंे की आवश्यकता है। आज 80 प्रतिशत लोग प्रतिदिन मात्र 20 रूपये में ही गुजारा करने को विवश हैं। जहां पूरे देश में 6 लाख पचास हजार कृषि सोसाइटी, 01 लाख तीस हजार छोटी सोसाइटी व 30 हजार बहुउद्देशीय सोसाइटियां हैं। बुनकर मजदूर, खेतिहर मजदूर और अप्रसित मजदूर सहित छोटे-2 क्षेत्रों में भी कार्य करने की आवश्यकता है।
सहकारिता प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यसमिति में मुख्यरूप से कर्नाटक के सहकारिता मंत्री उप्पा स्वामी, बिहार के सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, पूर्व सांसद संतोष गंगवार, धनन्जय सिंह, भगवतशरण, देवेन्द्र सिंह जिलासंयोजक, राकेश सिंह ‘अलगू‘, रामप्रकाश पूर्व जिलाध्यक्ष, शशिप्रकाश मिश्रा सहित लोग मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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