उत्तर प्रदेश में पुराने शव विच्छेदन गृहों को नवीनीकृत कर उन्हें और आधुनिक बनाया जायेगा। इसके अलावा जिन जनपदों में शव विच्छेदन गृह जर्जर हैं वहां पर शीघ्र ही इनका निर्माण किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों को शामिल करनें के उद्देश्य से शासन द्वारा चिकित्सा विधिक परीक्षण प्रोफार्मा, घटना स्थल निरीक्षण फार्म, डीएनए सैम्पुल कलेक्शन फार्म आदि के प्रारूप को पुनरीक्षित कर उसे गृह विभाग के वेवसाइट पर उपलब्ध कराया गया है। इससे अपराधो की तथ्यपरक विवेचना में मदद मिलेगी।
प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमाण्ड सेन्टर एनेक्सी में आज सम्पन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में शव विच्छेदन गृहों की वर्तमान स्थिति तथा उनमें सुधार के विषय मंें विस्तार से समीक्षा की गयी। जिन जनपदों में अभी तक शव विच्छेदन गृहों का निर्माण नही हो सका है उनके लिए भूमि की व्यवस्था हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह इस कार्य के लिए 30 सितम्बर तक भूमि का चयन कर अवगत कराये।
बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि शव विच्छेदन गृह के निमार्ण हेतु जिस स्थान का चयन किया जाय वह शहर से बहुत दूर न हो। शव विच्छेदन गृहों में वाहनों के लिए भी पार्किग की समुचित व्यवस्था के साथ ही वहां पर बिजली व पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था हेतु भी निर्देशत किया गया। मृतकों के परिजनो आदि के लिए वहां पर बरसात धूप एवं सर्दी आदि से बचाव हेतु शेड की पर्याप्त व्यवस्था भी किये जाने के निर्देश दिये गये। आधुनिक शव विच्छेदन गृहों में जनरेटर, इनर्वटर, सफाई सामग्री, आईस-इक्विपमेन्ट्स, रेफ्रीजरेशन, एम्बाममेन्ट आदि की व्यस्था का भी प्राविधान करने के निर्देश दिये गये है।
बैठक में गृह सचिव श्री कमल सक्सेना, विशेष सचिव गृह श्री एस0के0 रघुबंशी, डा0 एस0बी0 उपाध्याय निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अलावा लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, आवास विभाग, उ0प्र0 समाज कल्याण निर्माण निगम, मेडिको लीगल सेल, मेडिकल केयर आदि के अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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