Categorized | Latest news, लखनऊ.

राज्य सरकार प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 15 August 2012 by admin

मुख्यमंत्री का बायोमास पर आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना पर बल

up-cm-biomassउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है, क्योंकि विद्युत के बगैर प्रदेश का चैमुखी विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विद्युत प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगी तो उसका सकारात्मक प्रभाव जनजीवन तथा उद्योगों पर पड़ेगा और प्रदेश में खुशहाली आएगी।
मुख्यमंत्री ने उक्त विचार मंगलवार को यहां शास्त्री भवन, एनेक्सी में बायोमास पावर प्लांट के सम्बन्ध में किए गए प्रस्तुतीकरण के लिए आयोजित बैठक में व्यक्त किए। गैर-परम्परागत स्रोतों के माध्यम से प्रदेश का ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकार के छोटे-छोटे बिजली संयत्र जगह-जगह स्थापित किए जाएं तो विद्युत की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है। साथ ही इस प्रकार से उत्पादित ऊर्जा हमारे वातावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करेगी, क्योंकि इनमें धान की भूसी, पैडी स्ट्राॅ, पल्स स्ट्राॅ, डंठल, सरसों के सूखे पौधों, गोबर तथा अन्य कृषि-वन अवशेषों जैसे लैण्टना ग्रास इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि इसमें ईंधन के रूप में बहुत से कृषि अवशेषों का प्रयोग होता है, इसलिए इन संयत्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और लोगों को काम मिलता है। साथ ही, कृषि अवशेषों का मूल्य भी मिलता है, जिससे ग्रामीण लोगों की आय में वृद्धि होती है।
श्री यादव ने गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों पर आधारित बिजली संयत्रों की स्थापना पर पुनः बल देते हुए कहा कि पारम्परिक बिजली संयत्रों की स्थापना तथा उनसे विद्युत उत्पादन होने में काफी समय लग जाता है। अतः छोटे बायोमास विद्युत संयंत्रों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर विद्युत समस्या से निजात मिल सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि आधारित प्रदेश है, ऐसे में यहां पर बायोमास की उपलब्धता बहुलता में है। अतः इस बायोमास का प्रयोग करते हुए प्रदेश में प्रचुर मात्रा में गैर-परम्परागत ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बायोमास ईंधन के जलने से बनने वाली राख का उपयोग ईंट बनाने में किया जाता है। इससे ईंट बनाने पर बड़ी मात्रा में रोजगार सृजन हो सकता है और लोगों को काम दिया जा सकता है।
श्री यादव ने गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से विद्युत उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस कार्य में तेजी लाई जाए और ऐसे बिजली संयंत्र कहां-कहां स्थापित किए जा सकते हैं, उनका एक सर्वे कर लिया जाए।
बैठक में प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चन्द्र बाजपेयी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in