स्वाधीनता दिवस पर आज जहां प्रदेश की जेलों के ‘नेक’ कैदी सरकार की दया का लाभ उठा रहे होंगे एटा की आइएसओ अलंकृत जेल के कैदी इस लाभ से वंचित रहेंगे। कारण इस आइएसओ जेल में एक भी ऐसा कैदी नहीं जो शासन की दृष्टि में ‘भले’ की श्रेणी में आता हो या जेलर शिवकुमार यादव की भाषा में ‘मानकों पर खरा उतरता हो’।
ज्ञातव्य हो कि एटा जेल में कुल 1247 कैदियों में 196 सजायाफता व 57 महिला कैदी हैं। इन में अनेक ऐसे भी अनेक कैदी है जो 70-80 वर्ष की आयु के हो चुके हैं तथा छोटेमोटे अपराध की सजा काट रहे हैं। चलने फिरने में असमर्थ इन कैदियों का आचरण भी शासन को मानवता की श्रेणी का भी नहीं लगा इस पर डा0 स्वतंत्र शर्मा आदि नगर के गणमान्य नागरिकों ने आश्चर्य व्यक्त किया है। तथा शासन से मांग की है कि भविष्य में मानकों के साथ मानवता को भी ध्यान में रखा जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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