भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य मंत्रिपरिषद ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस हाईवे की तरह ही मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट - लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस हाईवे किसानों, वाहन स्वामियों एवं क्षेत्रीय जनता की बर्बादी लायेगा। निश्चय ही सरकार में बैठे लोगों एवं निर्माण एजेंसी के लिए यह क्रीमी प्रोजेक्ट साबित होगा।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि सरकार का यह कथन कि इस मार्ग के निर्माण के लिए उपजाऊ जमीनें कम ही ली जायेंगी; सच्चाई से कोसों दूर है। नहरों के किनारे खाली पड़ी सरकारी जमीन 6 लेन हाईवे तो क्या तो 2 लेन हाईवे के लिए पर्याप्त नहीं है। अतएव इस मार्ग के निर्माण के लिए, इसके किनारे हरित पट्टी, झील, तालाब तथा प्लेजर ग्राउंड्स बनाने के लिए अलग से जमीनें ली जायेंगी। जाहिर है कि 8 जिलों के किसानों के लिए बरबादी का पैगाम है इस हाईवे की घोषणा।
भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि निश्चय ही किसान अपनी रोजी-रोटी का आधार - जमीन बचाना चाहेंगे और अपने सपनों की पूर्ति में उन्हें बाधा देखने वाले शासक उन पर गोलियां चलवायेंगे। यमुना एक्सप्रेस वे की कहानी इसका स्पष्ट प्रमाण है।
सरकार की पीपीपी माॅडल नीति पर सवाल खड़े करते हुए भाकपा ने कहा है कि यह नीति उद्योगपतियों, राजनेताओं और नौकरशाहों को मालामाल और आम लोगों को कंगाल करने वाली है। जिन उद्योग समूहों से इस नीति के तहत कार्य कराये जा रहे हैं, उनमें नेता और नौकरशाह सभी का पैसा लगा है।
भाकपा ने कहा कि हमारे वाहनधारकों का एक बहुत ही छोटा समूह है जो इतने महंगे टोल टैक्स को झेल सकता है। दो पहिया वाहन धारक, अधिकांश कार धारक और लघु एवं मझोले वाहनों से माल ढोने वालों को ऐसे मार्गों पर वाहन चलाना बेहद महंगा पड़ता है। बस से यात्रा करने वालों को भी ज्यादा किराया अदा करना पड़ता है। लेकिन यह एक के बाद एक बनने वाली राज्य सरकारें हैं कि चन्द लोगों के ”फील गुड“ के लिए जनता के हितों को तबाह कर रहीं हैं।
एक तथ्य यह भी है कि टोल टैक्स वसूलने वाले मार्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है और निर्माण एजेंसियां उनकी लागत ज्यादा बता कर अधिकाधिक टोलटैक्स लगा रही हैं। दूसरा खतरा यह भी है कि इन मार्गों पर वाहनों की संख्या बढ़ाने और अधिक टोल टैक्स वसूलने की गरज से दूसरे सरकारी मार्गों की हालत खराब रखी जायेगी ताकि आम जनता एक्सप्रेस हाईवे पर चलने को मजबूर हो और उसकी जेब ढीली हो।
भाकपा ने अपनी इस मांग को दोहराया है कि पहले से मौजूद मार्गों का विकास किया जाये और ड्रीम प्रोजेक्ट्स का कम्पटीशन चला कर किसानों, वाहन धारकों और जनता को बरबाद करने का काम बन्द किया जाये।
भाकपा ने इस प्रकार के प्रोजेक्ट्स से पर्यावरण एवं खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए जनता से इन प्रकार के प्रयासों के खिलाफ पुरजोर विरोध की अपील की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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