उत्तर प्रदेश सरकार ओवरलोड वाहनों के संचालन को कड़ाई से रोकने के लिये पूरी तरह कटिबद्ध है। अब प्रदेश में मालवाहनों की ओवरलोडिंग पाये जाने पर वाहन मालिक/चालकों के विरूद्ध ’’प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट’’ के सुसंगत प्राविधानों के तहत कार्रवाई की जायेगी, जिसमें कम से कम 6 माह के कठोर कारावास की सजा भी शामिल है। आर्थिक दण्ड के साथ-साथ इस सजा को बढ़ाकर 5 साल तक की जा सकती है।
प्रदेश के परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने ओवरलोड वाहनों के संचालन से होने वाली भीषण सड़क दुर्घटनाओं एवं सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के मद्देनजर ओवरलोड वाहनों का संचालन कड़ाई से रोकने के लिये ’’प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट’’ के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश परिवहन आयुक्त को दिये हैं। उन्होंने परिवहन आयुक्त को यह भी निर्देश दिये हैं कि वे अपने स्तर से सभी संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश जारी करें कि ओवरलोड वाहनों में ओवरलोडिंग पाये जाने पर वे जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त कर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
परिवहन मंत्री ने कहा है कि मोटर वाहन एक्ट के तहत पंजीयन प्रमाण पत्र में अंकित भार से अधिक माल ले जाना अपराध माना गया है, ऐसी स्थिति में परिवहन अधिकारी ओवरलोड वाहनों से अतिरिक्त भार उतरवाकर एवं प्रशमन शुल्क वसूल करने के उपरांत ही वाहनों को आगे जाने की अनुमति दें। उन्होंने कहा कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने भी ओवरलोड वाहनों से बिना अतिरिक्त माल उतरवाये आगे परिचालन की अनुमति न दिये जाने एवं ऐसे वाहनों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों के संचालन से भीषण सड़क दुर्घटनाएं तो होती ही हैं साथ ही सड़के भी क्षतिग्रस्त होती हैं तथा इनके मरम्मत पर सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये खर्च करने पड़ते हैं।
परिवहन मंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि सड़क मार्गों पर ओवरलोड वाहनों के परिचालन को रोकने के लिये परिवहन आयुक्त अपने स्तर से प्रभावी अनुश्रवण करायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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