योजना स्वीकृत, जी0ओ0 जारी
उत्तर प्रदेश शासन ने अल्पसंख्यक समुदाय के ग़रीब अभिभावकों की कक्षा 10 पास पुत्री को आगे की शिक्षा ग्रहण करने अथवा उनके विवाह हेतु 30,000 रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दिये जाने की योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है और इस सम्बन्ध में आज शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
इस सम्बन्ध में सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्रीमती लीना जौहरी द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार इस योजना से अल्पसंख्यक समुदाय की कक्षा 10 पास ऐसी छात्रायें लाभान्वित होंगी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 35,000 रुपये तक है। यह योजना अल्पसंख्यक समुदाय में आने वाले मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी एवं जैन धर्म के मानने वाले पात्र परिवारों तक सीमित होगी तथा इसका लाभ उठाने के लिए उत्तर प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है।
श्रीमती जौहरी ने बताया कि यदि इस योजना के तहत मिलने वाली धनराशि का उपयोग पुत्री के विवाह के लिए किया जाना है तो यह आवश्यक है कि उसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो। आगे की पढ़ाई के लिए पात्र छात्राओं को सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए अपने स्कूल/काॅलेज के प्रधानाचार्य के माध्यम से आवेदन करना होगा। प्रधानाचार्य द्वारा इस आवेदन को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को अग्रसारित किया जायेगा, जो ‘‘प्रथम आवत प्रथम पावक’’ के आधार पर अनुदान देने की कार्यवाही करेगा। अनुदान की स्वीकृति जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी। शासनादेश के अनुसार चयनित छात्रा को देय धनराशि, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के माध्यम से छात्रा द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंक में खोले गये खाते में अंतरित की जायेगी अथवा एक समारोह आयोजित कर इसे जनपद के प्रभारी मंत्री अथवा किसी अन्य मंत्री की उपस्थिति में वितरित किया जायेगा।
इस योजना के बेहतर पर्यवेक्षण व संचालन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष, जनपद के सभी सांसद या उनके नामित प्रतिनिधि एवं वहां के सभी विधायक अथवा उनके नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी इस समिति का सदस्य/सचिव होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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