भारतीय जनता पार्टी ने जघन्य आरोपो वाले मुकदमों की वापसी की सपा सरकार की घोषणा की तीखी निन्दा की और कहा कि सरकार की यह कार्रवाई अपराधियों को सबसिडी देने जैसी है। पार्टी प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने संवादाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने विधान परिषद मे भी यही संकल्प दोहराया था। सरकार ने आतंकवाद की घटनाओं के आरोपी लोगों से भी मुकदमा वापिस करने की योजना का खुलासा किया था। सरकार की इस कार्रवाई से पुलिस के मनोबल पर गलत प्रभाव पड़ेगा। हत्या, डकैती और आतंकवाद जैसी घटनाओं मे पुलिस काफी मशक्कत से साक्ष्य जुटाती है, विवेचना में गहन परिश्रम करती है और मुकदमा जब न्यायलय पहुंचता है तो सरकार मुकदमा वापिस कर लेती है।
श्री दीक्षित ने कहा कि सरकार को न्यायायिक कार्यवाही पर भरोसा नही है। आरोपी निर्दोष होगें तो न्यायायिक कार्यवाही से बरी होगें। वे पुलिस की विवेचना में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये है। सरकार का विश्वास पुलिस की विवेचना पर भी नही है। सरकार दरअसल अपराधियों को यह संदेश देना चाहती है कि सपा मे आओ मुकदमा वापिस करवाओं। पुलिस को भी इस कार्रवाई से संदेश गया है कि सपा समर्थकों के विरूद्ध कोई कार्रवाई न करो। इस तरह राज्य मे विधि व्यवस्था और कानून का राज ही नही होगा उसी की शुरूवात हो चुकी है। सरकार का यह कदम निन्दनीय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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