उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने भण्डारण के क्षेत्र में प्रभावी क्षमता के विकास हेतु सार्वजनिक एवं निजी सहभागिता पर बल देते हुए सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के भण्डारण उद्योग के क्षेत्र में निवेश करने के लिए निजी उद्यमियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, ताकि खाद्यान खरीद को लेकर वर्तमान में भण्डारण की जो समस्यायें सामने आ रही हैं, उन्हें सुगमता पूर्वक हल किया जा सके।
श्री आलोक रंजन आज यहां होटल क्लार्क अवध में पीएच0डी0 चैम्बर द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश में भण्डारण अवसर एवं चुनौतियाँ’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य भण्डारण प्रबन्धन के सम्बन्ध में अनुभवी लोगों को आमने-सामने लाकर उनके अनुभवों का पूरा-पूरा लाभ उठाया जा सके था।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पीएच0डी0 चैम्बर की यू0पी0 कमेटी के सह-अध्यक्ष श्री एल0के0 झुंझलवाला ने कहा कि कृषि क्षेत्र का योगदान उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय है और यहां की अधिकांश आबादी जीविकोपार्जन हेतु कृषि पर ही निर्भर करती है, लेकिन उत्पादित खाद्यान्न के भण्डारण हेतु यहां पर पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध नहीं है। पीएच0डी0 चैम्बर आॅफ कामर्स के वरिष्ठ सचिव डाॅ0 कल्याण गोस्वामी ने प्रदेश में उत्पादित गेहूँ के भण्डारण को एक बड़ी चुनौती बताया है।
सम्मेलन को श्री आर0एस0 बेदी, उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री ओंकार यादव, मण्डी परिषद के निदेशक श्री राजीव अग्रवाल एवं अन्य लोगों ने भी सम्बोधित किया। प्रदेश में बेहतर एवं पर्याप्त भण्डारण की क्षमता सृजित करने पर अपने विचार व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com