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जांचे चल रही हैं और कानून को अपना काम करने दिया जाएगा

Posted on 07 August 2012 by admin

बसपा के नेता अपने पांच साल के काले कारनामों के परिणामों से भयाक्रांत है। उनके खिलाफ जांचे चल रही हैं और कानून को अपना काम करने दिया जाएगा। इसलिए अपने बचाव में वे झूठे-मुद्दों के सहारे अखबारी सुर्खियों में रहना चाहते हैं। बसपा नेताओं ने धरना-प्रदर्शन का जो नाटक किया वह पूर्णतया अनुचित, अव्यवहारिक और जन विरोधी कृत्य है। इसका कोई औचित्य भी नहीं है। इस सम्बन्ध में कोई शासनादेश भी नही हुआ था। एक अवैध बोर्ड लगाकर बसपाईयों द्वारा जमीन पर कब्जा करने की इस कोशिश की गंभीरता से जांच होगी और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
समाजवादी पार्टी की सरकार बने अभी पांच माह भी नही हुए हंै। प्रदेश की नई सरकार को बसपा राज की तमाम बुराइयां विरासत में मिली हैं। लखनऊ से नोएडा तक बसपा राज में स्मारकों पार्को और प्रतिमाओं के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई की जमकर लूट हुई है। लाखों करोड रूपये की जमीन पर कब्जा किया गया। सच्चाई तो यह है कि जमीनों पर कब्जा करने की बसपा की पुरानी संस्कृति है। लखनऊ की उस जिला जेल को ध्वस्त कर दिया गया। जहां कितने ही स्वतंत्रता सेनानी कैद रहे थे। जेल परिसर में बनें मंदिर भी तोड़ दिए गए थे। हरियाली नष्ट कर दी गई थी। इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन से भद्दा मजाक करने वाले अब किस मुंह से धरने का नाटक कर रहे हैं। लोकायुक्त की जांच के फलस्वरूप बसपा के आधे दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के भ्रष्टाचार सामने आ चुके हैं। हत्या, बलात्कार और वसूली में बसपा के कितने ही मंत्री/विधायक जेल की हवा खा रहे है।
बसपा नेताओं को याद रखना चाहिए कि पिछले दिनों जब कुछ अराजक तत्वों ने सुश्री मायावती की प्रतिमा खंडित की थी तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 10 घंटे के अंदर ही दूसरी प्रतिमा लगवा दी थी। उन्होने पार्को, स्मारको की सुरक्षा भी यथावत रहने दी। बसपाई पूरे पांच साल सपा के खिलाफ फर्जी मुकदमे लगाते रहे, उनका उत्पीड़न करते रहे। यहां तक कि मा0 मुलायम सिंह यादव जी तथा अखिलेश जी के साथ भी शासन ने अभद्रता की थी। किन्तु मुख्यमंत्री जी बिना राग द्वेष के काम कर रहे हैं। उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री के तानाशाही आचरण के विपरीत विपक्ष को भी पूर्ण सम्मान दिया है। लोकतंत्र को बहाल किया है। भय और दहशत को समाप्त कर सबको अपनी बात कहने की आजादी दी है।
बसपा राज में सिर्फ लूट और कमीशन वसूली का खेल चलता रहा। पूर्व मुख्यमंत्री ने जिलो के नाम बदल दिए। अपने जिंदा रहते बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर से भी बड़ी अपनी प्रतिमाए लगा दी। उन्होने प्रदेश का इतिहास और भूगोल बदलने की साजिश की है। इसमें सुधार के लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कदम उठाए तो बसपा नेता सभी मर्यादाएं तोड़ने पर आमादा हो गए हैं। अपने इस आचरण से वे विधान सभा और जनादेश दोनो की अवमानना कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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