राज्य सरकार की जिला योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर सृजित करने हेतु व्यक्तिगत उद्यमशीलता के लिये बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने की ब्याज उपादान योजना के लिये चालू वर्ष में दो लाख का बजट स्वीकृत किया गया है।
खादी ग्रामोद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के अंतर्गत शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान/ पालीटेक्निक द्वारा प्रशिक्षित अभ्यर्थियों तथा ट्राइसेम व शासन की अन्य योजनाओं के अंतर्गत प्रशिक्षित अभ्यर्थियों, स्वरोजगार में रूचि रखने वाली महिलाओं एवं व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत ग्रामोद्योग विषय लेकर उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस योजना के पात्र होगें।
योजना की अधिकतम् ऋण सीमा रू0 5ः00 लाख से बढ़ाकर रू0 10ः00 लाख कर दी गयी है, जिससे दोगुना पूॅजी निवेश करते हुये उद्योगों की स्थापना करायी जायेगी। योजना के अंतर्गत आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों हेतु सम्पूर्ण ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में शासन द्वारा अनुमन्य की जायेगी, जिसके लिये ब्याज उपादान के रूप में अधिक धनराशि की आवश्यकता होगी। वित्तीय वर्ष 2012-13 में लगभग 30 उद्यमियों को लाभान्वित किया जायेगा और इनके द्वारा स्थापित इकाइयों में लगभग 120 व्यक्तियों को रोजगार होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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