उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन से आज विश्व बैंक और भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने भेंटकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन लागू किए जाने के सम्बन्ध में अब तक की गई तैयारी और भविष्य की रणनीति के बारे में चर्चा की। उन्होने कहा कि चूंकि यह कार्यक्रम राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के बी0पी0एल0 परिवारों को स्थायी रोजगार देने के सम्बन्ध में है, इसलिए इसे लागू करने में पूरी शक्ति से कार्य किया जायेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन ने विश्व बैंक और भारत सरकार के प्रतिनिधियों को बताया कि उत्तर प्रदेश में आजीविका मिशन को दो चरणों में लागू किया जायेगा। प्रथम चरण में राज्य के 88 विकास खण्डों में इसे इन्टेन्सिव एप्रोच (सघन प्रयास) से लागू किया जायेगा, जबकि शेष विकास खण्डों में इसे नान- इन्टेन्सिव एप्रोच से लागू किया जायेगा। उन्होने कहा कि द्वितीय चरण में उत्तरोत्तर नान-इन्टैन्सिव एप्रोच वाले विकास खण्डो में भी आजीविका मिशन को लागू करने के लिए इन्टेन्सिव एप्रोच की रणनीति बनाई गई है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में बी0पी0एल0 परिवारों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संगठित कर आजीविका के लिए स्थायी तौर पर अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना, कौशल विकास करना, बैंको से ऐसे स्वयं सहायता समूहों को आबद्ध करते हुए उन्हें ऋण उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है।
बैठक में विश्व बैंक के प्रतिनिधि श्री परमेश शाह और भारत सरकार के प्रतिनिधि श्री अंजनि कुमार तथा उत्तर प्रदेश मंे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक श्री अजय कुमार उपाध्याय उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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