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बाबू बनारसी दास गुप्ता जी की 27वी. पुण्यतिथि के अवसर पर संगोष्ठी

Posted on 03 August 2012 by admin

br7उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे, दिवगंत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, बाबू बनारसी दास गुप्ता जी की 27वी. पुण्यतिथि के अवसर पर एक संगोष्ठी आज बाबू बनारसी दास नगर, पुराना किला स्थित बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के तत्वाधान में सम्पन्न हुई।

कौमी एकता के लिए बाबू जी के विचारों की प्रासंगगिकता के विषय पर विचार व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास गुप्ता को देश की आजादी का पुरोधा बताया तो दूसरी तरफ एक कुशल व सफल जनसेवक के रूप में उनकी उपलब्धियों की व्याख्या की।

सामाजिक, रचनात्मक, शैक्षणिक, उत्तम स्वास्थ्य की दिशा समाज के हर वर्ग के युवाओं एवं छात्रों की जीवनपर्यन्त देते रहने का कार्य बाबू बनारसी दास जी ने किया। संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए बाबू जी के निजी सचिव रहें श्री धर्म सिंह ने कहा कि बाबू का व्यक्तित्व लौह पुरूष का था, बाबू जी अपने विचारों एवं निर्देशों को गहन आत्म चिंतन के बाद ही उसका प्रकाशन करते थे, शिक्षा सबको मिले यह उनके जीवन का ध्येेय था, सभी भाषाओं का आदर तथा विस के विकास के बाबू जी ने कई बड़े निर्णय लिए जिसमें उर्दू भाषा को उत्तर प्रदेश में द्वितीय दर्जा दिया जाना उल्लेखनीय हैं।

बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश पाण्डेय ने कहा कि बाबू जी द्वारा 13-14 वर्ष की किशोर अवस्था की आयु में स्वतत्रंता संग्राम के आन्दोलन में क्रान्तिकारीकर्ता के कदम अत्यन्त प्रेरणा स्त्रोत हैं। दूसरी तरफ शिक्षा तथा उच्च शिक्षा के विस्तार तथा तकनीकी शिक्षा की स्थापना व सुलभ उपलब्धता, उनके जीवन का एक सपना था जिस परिकल्पना का बीजारोपड़ बाबू जी ने किया था, आज  उनकी तकनीकि शिक्षा का विस्तार पूरे उत्तर प्रदेश में देखा जा सकता हैं। लखनऊ में स्थापित बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी आने वाले समय में उच्च शिक्षा के एक विशाल वट वृक्ष तैयार होगा जिसकी प्रत्येक शाखाएं भी अपने आप में एक विशाल वृक्ष के रूप में विकसित होगी व शिक्षा व संस्कार की संवाहक बनेगी।

इस अवसर पर छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अरूण गुप्ता ने कहा कि सहज उपलब्धता तथा अपने अनुभवोें को सार्वजनिक रूप से शेयर करने के कारण बाबू जी को घर परिवार के अतिरिक्त पूरा मुहल्ला व तत्कालीन नेतागण व उनके परिजन भी बाबू जी को अपने परिवार का मुखिया मानते थे।

श्री अचल मेहरोत्रा ने बाबू जी को श्रद्वाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबू जी की प्रशासनिक कार्य प्रणाली इतनी व्यवहारिक थी कि उनके कार्यकाल के अधिकारी एवं कार्यकारीगण आज भी उनके समय के प्रेरक प्रसंग सुनाते रहते है। बाबू जी निश्चित रूप से निर्वादित राजनेता रहें थे उनकी जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों मेें से एक है।

इस अवसर पर स्व0 बाबू जी के निजी सचिव श्री धर्म सिंह, बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश पाण्डेय, बाबू बनारसी दास गु्रप आफ एज्युकेशन के डायरेक्टर सुधर्मा सिंह, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अरूण गुप्ता, राज्यसभा सदस्य डाॅ0 अखिलेश दास गुप्ता के राजनैतिक सचिव सुशील दुबे, अचल मेहरोत्रा, सुबोध श्रीवास्तव, पूर्व पार्षद राजीव बाजपेई, रेहान अहमद खान, विपिन बिहारी शुक्ला, होरी लाल गुप्ता, वन्दना अवस्थी, शान बक्शी, जयश्री प्रिया गुप्ता, कमलेश गुप्ता, आशा मौर्या, शारदा खन्ना, बीना पाण्डेय, हसन आब्दी, महेश कुमार चाचा, लालता प्रसाद, अमर सिंह, अजय श्रीवास्तव, रमेश गुप्ता खन्ना, महेश राठौर, मो0 जुबैर, वसीम खान, अब्दुल्लाह सिद्दीकी, रोहित कुमार, राजेन्द्र कुमार गुप्ता आदि उपस्थित हुए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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