उत्तर प्रदेश के किसानों को विकास एवं समृद्धता से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा मण्डी परिषद के माध्यम से अनेकों द्वार खोेले गये, जिनके द्वारा किसान न केवल आर्थिक बुलन्दियों को हाॅसिल कर सकेगा, बल्कि वर्तमान आधुनिक युग की सुख-सुविधाओं व नई तकनीक से जुड़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहाॅ अपने आवास पर अनेकों मुख्य योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मण्डी परिषद की योजनाओं में नवीन मण्डी स्थल टूण्डला, जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना, विशिष्ट मण्डी यार्ड, ग्रामीण अवस्थापना केन्द्रों, मार्केंटिंग हबों के निर्माण शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 214 मण्डी स्थलों, 89 उप मण्डी स्थलों, 69 फल एवं सब्जी मण्डी स्थलों, 5-5 दुग्ध एवं मत्स्य बाजारों, 225 हाट पैठों तथा 238 गोदमों के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। 95 मण्डियों में किसानों को घटतौलियों से बचाने के लिए इलेक्ट्रानिक धर्म कांटे लगाये गये हैं। इसी क्रम में ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए 18,501 किमी0 लम्बे सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। नवीन मण्डी स्थल टूण्डला में किसानों को क्रय-विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विकसित एवं सुविधाओं से युक्त-28 दुकानों, कार्यालय एवं पुलिस चैकी वाला मण्डी स्थल बनाया जायेगा।
बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों में झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा महोबा एवं चित्रकूट में विशिष्ट मण्डी यार्ड बनाये जायंेगे। प्रत्येक मण्डी यार्ड पर 64 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। ये मण्डी यार्ड किसानों की सुख सुविधाओं एवं किसान सेवा केन्द्रों से युक्त होंगे। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड के सात जनपदों में 168 ग्रामीण, अवस्थापना केन्द्रों का निर्माण किया जायेगा। प्रत्येक अवस्थापना केन्द्र पर 2 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जायेंगी।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औसतन 10 किमी0 की दूरी पर 100 वर्ग किमी0 में एक उप मण्डी की स्थापना की जायेगी। विभिन्न सरकारी विभागों यथा पंचायतीराज व सहकारिता विभाग द्वारा चार वर्षों में 2105 एग्रीकल्चरल, मार्केटिंग हबों का निर्माण कराया जायेगा। 40-45 लाख रूपये से एक मार्केंटिंग हब का निर्माण होगा, जिसमें 10 दुकानों, छायादार चबूतरा, दो इण्डिया मार्का हैण्डपम्प लगेंगे। परिसर में विद्युतीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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