समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिस तत्परता और प्रशासनिक कौशल के साथ प्रदेश में सामाजिक सौहार्द को नष्ट करने की साजिशों को विफल किया है उसके लिए उन्हें जनता में भारी प्रशंसा मिल रही है। श्री यादव ने यह दिखा दिया है कि वे लोकतंत्र के प्रबल पक्षधर हैं और संविधान की जो शपथ उन्होने ली है उसको वे पूरी ईमानदारी से निभाना जानते है। समाजवादी पार्टी की सरकार रागद्वेष के आधार पर काम नहीं करती है। बसपा सुप्रीमों की मूर्ति 12 घंटे के अन्दर पुनः स्थापित हो गई और आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बावजूद महामहिम राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति राज की मांग करनेवाले बसपा नेताओं ने जाहिर कर दिया है कि वे संविधान के ज्ञान से पूर्णतया शून्य हैं और उन्हें अपनी मांग के औचित्य का भी भान नहीं है।
यह मुख्यमंत्री की सदाशयता थी कि उन्होने तत्काल स्मारकों, मूर्तियों की सुरक्षा कर दी है। उन्होने उनसे मिलने आए बसपा नेताओं से भी मुलाकात की जबकि यहीं मंत्री अपनी मुख्यमंत्री से भी नहीं मिल पाते थे। पिछली सरकार में तो विरोध का हर स्वर कुचलने को सरकार तैनात रहती थी। आज बसपाई लोकतंत्र में सांस ले रहे हैं। उन्हें इसके लिए समाजवादी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहिए।
बसपा दलितों के नाम पर राजनीति करती है जबकि समाजवादी पार्टी ईमानदारी से दलितों की हितैषी है। श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में ही राजधानी का विधान सभा मार्ग डा0 अम्बेडकर मार्ग घोषित हुआ था और डा0 अम्बेडकर ग्राम योजना की शुरूआत हुई थी। बसपा राज में डा0 अम्बेडकर के नाम पर घृणित जातीय राजनीति और वोट बैंक की राजनीति की शुरूआत हुई और उनसे ज्यादा बड़ी मूर्तियां तो पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी ही लगवा दी।
लोकतंत्र में सरकारी खजाना जनता के लिए होता है। बसपा राज में जनता की गाढ़ी कमाई सत्ता का दुरूपयोग करते हुए पार्को, स्मारकों, हाथियों और (पूर्व) मुख्यमंत्री की मूर्तियों पर लुटा दी गई। इसमें इतना भ्रष्टाचार हुआ कि आम जनता ने ऐसा करनेवालों की सत्ता ही उलट दी।
जनता ने जिन्हें नकार दिया वे समाजवादी पार्टी की सरकार की खिलाफत उसके सत्ता में आने के पहले दिन से ही कर रहे हंै। दरअसल बसपा नेता अपने खिलाफ चल रही जांचों से भयभीत हंै और इसीलिए ऊलजुलूल बयानबाजी तथा हरकतें कर रहे है। ये जांचे अदालतों से लेकर लोकायुक्त और सीबीआई तक चल रही हंै। मुख्यमंत्री की विकासोन्मुख राजनीति के फलस्वरूप उन्हें अब कभी सत्ता के दुरूपयेाग का अवसर मिलनेवाला नहीं है। अपने कारनामों से जनता और राजनीति में बसपा अलोकप्रिय और अप्रासांगिक हो गए है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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