अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में अरबी-फारसी मदरसों को मान्यता एवं अनुदान सूची पर लिए जाने की योजना के तहत कुल 43957ण्83लाख रूपये की व्यवस्था की है। इस धनराशि में से 32908ण्48लाख रूपये इस वित्तीय वर्ष में वेतन के भुगतान पर, 6499ण्35लाख रूपये गत वर्षों के अवशेषों को अदा करने पर तथा 4550 लाख रूपये आलिया स्तर के 100 मदरसों के कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर खर्च किये जायेंगे। उल्लेखनीय है की गत वित्तीय वर्ष में इस मद में मात्र 23146ण्44लाख रूपये की व्यवस्था की गयी थी।
अल्पसंख्यक विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुदानित मदरसों के सेवानिवृत्तध्मृतक कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों के लिए संचालित योजना के तहत इस वर्ष 185 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार अरबी-फारसी मदरसों के समुचित उन्नयन एवं विकास हेतु अरबी-फारसी मदरसा विकास निधि संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत अरबी-फारसी मदरसों में चलने वाली पाठ्य पुस्तकों के लेखन में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार दिया जाता है। साथ ही उच्च आलिया स्तर तक के मदरसों को पुस्तकालयों की स्थापना के लिए अनुदान देना, मदरसों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए आर्थिक सहयोग देना, अच्छी ख्याति वाले मदरसों में मैचिंग बेसिस पर कम्प्यूटर उपलब्ध कराना एवं अरबी-फारसी शिक्षा के विकास से सम्बंधित अन्य कार्य भी इस निधि से कराये जाते हैं। इसकी स्थापना राज्य की एक करोड़ रूपये की संचित निधि से की गयी है।
सरकार द्वारा अनुदानित मदरसों को विद्युत व्यय, जल/भूमिकर, पुस्तक एवं लेखन सामग्री, फर्नीचर, भवन के जीर्णोद्धार जैसे कार्यों हेतु निर्धारित शर्तों एवं मानकों के अनुरूप अनुदान देने की भी एक योजना चलाई जा रही है। इस योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 05लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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