समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि दलित महापुरूषों के नाम पर बसपा ने जितना अनर्थ किया है उससे तो इन महापुरूषों की आत्मा भी चित्कार कर उठी होगी। जबकि समाजवादी सरकार संतों, समाज सुधारको एवं महापुरूषों का सम्मान करती है। तभी तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इनके सपनो को पूरा करने के लिये ही अपने बजट के जरिये गरीबों, दलितों, अल्पसख्यकों एवं समाज के कमजोर वर्गो के उत्थान के लिये भारी धन की व्यवस्था की है।
बसपा की पूर्व सरकार ने महापुरूषों के सपनो को कुचलने का जो महापाप किया है उसी का परिणाम है कि बसपा को करारी पराजय का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री का कथन नितांत भ्रमक एवं दुष्प्रचार से प्रेरित है। सच्चाई तो यह है कि बसपा ने कभी भी महापुरूषों का सम्मान नहीं किया है। अपनी मनमानी के कारण पूर्व मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र के इतिहास को ही कलंकित किया है। लोकतंत्र में सनक अथवा मनमानी के लिए कोई स्थान नहीं होता है।
यह भी घोर अनर्थ था कि महापुरूषों की आड़ में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का रास्ता ढूंढकर पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्ता का दुरूपयोग किया था। उन्होने समाज सुधारको के समकक्ष जिन्दा रहते अपनी प्रतिमा लगाकर इन महापुरूषों को अपमानित भी किया। उन्होंने समतामूलक समाज बनाने के नाम पर ठगी का कार्य-व्यापार चलाकर महापुरूषों के मिषन को धोखा दिया है। इससे दलितो का बहुत अहित हुआ है।
समाजवादी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा आठ जनपदो के नामों को बदलकर सही निर्णय किया गया है। समाजवादी सरकार का निर्णय जन साधारण के पक्ष में किया है। उन्होने लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर इतिहास के साथ न्याय किया है। बसपा के अलोकतंात्रिक एवं जनविरोधी निर्णयों को बदलकर समाजवादी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जनहित में कार्य कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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