सहकारिता, सिंचाई एवं लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने आज यहां कहा कि लोकमान्य तिलक और चन्द्रशेखर आजाद ने देश की आजादी के लिए लड़ते हुए समतामूलक और शोषणमुक्त समाज की संरचना का जो सपना देखा था वह आज भी अधूरा है। डा0 लोहिया के विचारों एवं आदर्शो से अनुप्राणित समाजवादी पार्टी समाजवाद के लिए संघर्ष कर रही है। आज के दिन हमें शहीदों के सपने साकार करने और हिन्दी को भी उसका उचित स्थान यूएनओ में दिलाने का संकल्प लेना है।
श्री यादव आज यहां समाजवादी बौद्धिक सभा के तत्वावधान में पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में लोकमान्य तिलक एवं शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी पूर्व साॅसद श्री रामनरेश कुशवाहा, श्री विष्णुदत्त शर्मा, जेपीएस द्विवेदी, डा0 हरिनाथ यादव तथा भइया जी को शाल एवं सम्मान पत्र देकर सम्बोधित किया। श्री यादव ने राष्ट्रसंघ की भाषा हिन्दी को भी बनाने के अभियान का आरम्भ स्वयं उसके समर्थन में अपने हस्ताक्षर कर किए। कार्यक्रम का संचालन श्री दीपक मिश्र, महासचिव बौद्धिक सभा ने किया।
श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर आजाद ने सबसे पहले समाजवाद को अपनाया था। आजादी की लड़ाई लड़नेवालों ने ब्रिटिश राज में बहुत यंत्रणाएं भोगी और शहीद भी हुए। वे चाहते थे हर व्यक्ति खुशहाल हो। समाजवादी पार्टी की सरकार भी संघर्ष से बनी है। हमारे तमाम साथी जेल गए, कुछ शहीद भी हुए आज भी बहुत से मुसीबत में है। हमें सबको बेहतर जिन्दगी जीने का अवसर देना है।
श्री यादव ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्रसंघ की अधिकारिक भाषा का दर्जा मिलने का समर्थन करते हुए कहा कि डा0 लोहिया ने अंग्रेजी राज की तरह अंग्रेजी हटाओ का भी नारा दिया था। हम चाहते हैं कि हिन्दी में कामकाज हो और साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं को भी प्रोत्साहन मिले।
इस अवसर पर श्री नवाब अली अकबर, उदय प्रताप सिंह, अर्चना राठौर, अर्चना गुप्ता एवं धर्मानन्द तिवारी आदि की भी उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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