बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि बी.एस.पी. के उनके शासनकाल के दौरान बनाये गये नये जिलों का नामकरण दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर रखे गये थे ताकि वे समाज के लिये आगे भी हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहें, परन्तु उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार इनका नाम बेवजह बदलकर और ऐसा नाम रख जिसकी कोई गम्भीर अर्थ नहीं है, महापुरूषों का अपमान कर रही है, जिसके लिये समाज और इतिहास उन्हें कभी भी माफ नहीं करेगा।
माननीया सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ अपने एक बयान में कहाकि जिलों का नाम बदले जाने की चर्चा मीडिया में काफी पहले से आ रही थी, किन्तु उनको विश्वास नहीं था कि दुर्भावना के तहत् काम करते हुये दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के प्रति विरोध व नफरत में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार इस हद तक आगे चली जायेगी कि उनके नाम पर रखे गये जिलों आदि का नाम तक बदल कर उनका अपमान करने पर उतारू हो जायेगी। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का आज का फैसला अत्यन्त दुःखद है एवं इसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है। मैं समझती हूँ कि ऐसा करके सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव एवं उनके मुख्यमंत्री पुत्र श्री अखिलेश यादव ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम काले अक्षरों में दर्ज करा लिया है। जाति-व्यवस्था से पीडि़त भारतीय समाज में ‘‘सामाजिक परिवर्तन‘‘ के तहत् देश में जाति-विहीन समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करने के लिये अपना पूरा जीवन कठिन संघर्ष व बेमिसाल त्याग को समर्पित करने वाले इन महापुरूषों को अपमानित करने वालो को समाज ने काफी कड़ा सबक पहले भी सिखाया है और निश्चय ही आने वालों दिनों में इस प्रकार के लगातार अपमानों को यह समाज कतई बर्दास्त नहीं करेगा, ऐसा मेरा अनुभव व विश्वास है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विशाल व कुव्यवस्था से त्रस्त सर्वसमाज की गरीब जनता को बेहतर प्रशासन व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही उनके सभी चार शासनकालों में नयी तहसील, नये जिले, नये मण्डल व नये पुलिस रेंज इत्यादि बनाये गये थे। मेरी सरकार ने कभी भी किसी जिले का नामांतरण नहीं किया, बल्कि नया जिला बनाकर उसका नया ‘‘प्रेरणादायी‘‘ नाम रखा। इतना ही नहीं, बल्कि नये जिलों की स्थापना हेतु काफी ज्यादा स्थान व समुचित धन भी उपलब्ध कराया गया है एवं यथासम्भव नये जिलों के मुख्यालयों हेतु उसी तहसील को चुना गया जो सर्वाधिक उपयुक्त थे तथा उनका नाम भी वही रखा गया है जो पहले से प्रचलित थे। इसके बावजूद भी इन फैसलों का विरोध करना और उन्हें बदलना सपा सरकार का पूर्णरूप से दुर्भावना से ग्रसित कदम है जो उसकी तुच्छ मानसिकता का प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को उसकी इस प्रकार की करतूतों का खामियाजा भुगतने के लिये तैयार रहने की चेतावनी देते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि उनकी सरकार में कभी भी ‘‘सस्ती लोकप्रियता‘‘ हासिल करने के लिये काम नहीं किया है जिस कारण ही उनकी पार्टी व सरकार की एक अलग पहचान बनी हुई है, परन्तु ‘‘दुर्भावना के साथ-साथ विरोध के लिये विरोध‘‘ करने वाली पार्टी सपा को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता है।
वर्तमान सपा सरकार की घोर दलित व पिछड़ा वर्ग एवं सर्वसमाज के गरीब-विरोधी नीति के खिलाफ बी.एस.पी. अपने संघर्ष व मूवमेन्ट को और ज्यादा तीव्र करेगी एवं समय आने पर इन ज्यादतियों का पूरा-पूरा हिसाब-किताब जरूर लिया जायेगा।
आत्म-सम्मान के मूवमेन्ट को बढ़ावा देने वाले दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों का तिरस्कार करने वालों को जब ‘‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट‘‘ ने जब कभी माफ नहीं किया है और उसका सूद सहित समुचित राजनीतिक बदला लिया है, तो उनका अपमान करने वालों को कैसे माफ किया जा सकता है। हमारी सरकार ने अच्छे व युग-परिवर्तनीय काम करके इतिहास में अपने आपको अमर कर लिया है, अब हमारे विरोधी लोग अपना नाम इतिहास के काले पन्नों में दर्ज कराने पर उतारू हैं तो हम उनका स्वागत तो नहीं ही कर सकते हैं। अर्थात् बी.एस.पी. सरकार द्वारा बनाये गये नये जिलों के ‘‘प्रेरणादायी‘‘ नाम को बदले के उत्तर प्रदेश के सपा सरकार के फैसले की कड़ी निन्दा व भत्र्सना की जाती है। साथ ही, बी.एस.पी. को पूरा-पूरा विश्वास है कि दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में इन महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में आस्था रखने वाली विशाल आबादी सही वक्त आने पर इस प्रकार के अपमान का जरूर मुँहतोड़ जवाब देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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