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फसली ऋण के लिए सूदखोरों के जाल में छोटे किसानों को जाने से बचाने के लिए सरकार का एक बड़ा कदम

Posted on 24 July 2012 by admin

सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड आगामी 30 नवम्बर तक दिया जायेगा-कृषि उत्पादन आयुक्त
सीमान्त और पट्टा किसानों को भी उनके संयुक्त समूह बनाकर   फसली ऋण की सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड से मिलेगी-आलोक रंजन
जिलाधिकारी, संबंधित बैंक और कृषि विभाग कैम्प लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बांटेंगे

उ0प्र0 के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज यहां बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में मौजूद छोटे किसानों और पट्टे पर खेती करने वाले अत्यन्त गरीब किसानों की फसली ऋण की जरूरत को देखते हुए सरकार ने सभी किसानों को अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड देने का एक बड़ा कदम उठाया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में आज एक शासनादेश के माध्यम से जिलाधिकारियों, जनपद स्तरीय उप निदेशक कृषि और बैंकर्स को निर्देश दिया गया है कि राज्य के सभी गांवों के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड 30 नवम्बर तक उपलब्ध कराये जाॅंय। उन्होंने कहा कि खेती में गुणवत्तायुक्त उपादान (इनपुट) की आवश्यकता की पूर्ति के लिए किसानों को खासकर गरीब व छोटे किसानों को फसली ऋण के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की पहल पर सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीमान्त किसानों व मालिकाना हक के बिना पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी फसली ऋण के महत्व को देखते हुए नाबार्ड गाइड लाईन्स के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा फसली ऋण मिलने की व्यवस्था की जायेगी।
श्री आलोक रंजन ने बताया कि सभी किसानों को आगामी 30 नवम्बर तक किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए एक समयसारिणी बनाई गयी है जिसे सभी मण्डलायुक्तों, कृषि, ग्राम्य विकास, पंचायती राज विभाग, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग, संस्थागत वित्त विभाग के प्रमुख सचिवों, कृषि निदेशक, संस्थागत वित्त एवं सर्वहित बीमा निदेशालय के निदेशक तथा समन्वयक महा प्रबन्धक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (बैंक आफ बड़ौदा, लखनऊ) को प्रेषित किया गया है और निर्देश दिया गया है कि किसानों के हित में इस समयसारिणी का अक्षरशः पालन किया जाय। उन्होंने कहा कि समयसारिणी के अनुसार 31 जुलाई तक पात्र पाये गये किसानों के फार्मों को बैंकों में जमा कराया जायेगा और आगामी 31 अगस्त तक उन किसानों के फार्मों को संबंधित बैंकों में जमा कराने का अभियान चलाया जायेगा, जिनका सर्वेक्षण किसी कारण नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि आगामी 31 अक्टूबर तक अपात्र (डिफाल्टर) पाये गये किसानों का पुनः सर्वेक्षण कराकर संबंधित बैंकों में उनके आवेदन जमा कराये जायेंगे जिसके बाद आगामी 30 नवम्बर तक जमा कराये फार्मों पर किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
श्री आलोक रंजन ने बताया कि सीमान्त श्रेणी के काश्तकारों एवं खेतों के मालिक न होते हुए भी पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को फसली ऋण की राहत देने के लिये सरकार ने तय किया है कि संयुक्त देयता समूह बनाये जायेंगे जिनमें 4 से 10 व्यक्तियों के औपचारिक समूह होंगे जोे एकल या समूह प्रक्रिया के द्वारा परस्पर गारन्टी पर बैंक ऋण प्राप्त करने के उद्देश्य से एक ग्रुप बनाते है। उन्होंने कहा कि इन ग्रुपों को भी नाबार्ड की गाईडलाईन्स के अनुसार ऋण की सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दी जायेगी। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड को कृषि विभाग के थ्रस्ट एरिया (अत्यन्त महत्व के क्षेत्र) में शामिल किया गया ताकि उसकी प्रगति की समीक्षा विभिन्न स्तरों पर होती रहे। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड वितरण की प्रगति की समीक्षा के लिए संयुक्त कृषि निदेशक मण्डल स्तर पर समीक्षा करने के लिए तय किये गये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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