पर्यटन सेवा से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों ने विभिन्न समस्याओं से अवगत कराकर इनके समाधान का आग्रह किया

Posted on 22 July 2012 by admin

up-cm-shri-akhilesh-yadav-with-shri-subodh-kant-sahayminister-for-tourism1उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाओं का लाभ उठाने एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार आज यहां शास्त्री भवन, लखनऊ में बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री सुबोध कान्त सहाय तथा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भाग लिया। इस अवसर पर पर्यटन सेवा से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों ने विभिन्न समस्याओं से अवगत कराकर इनके समाधान का आग्रह किया।
गत वर्ष राज्य में स्वदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहने पर सन्तोष व्यक्त करते हुए इसमें और अधिक वृद्धि के लिए प्रयास करने की रणनीति तैयार की गई। 12वीं पंचवर्षीय योजना में विदेशी पर्यटकों का आगमन एक प्रतिशत तक बढ़ाने तथा स्वदेशी पर्यटकों के आगमन में 12 प्रतिशत की वृद्धि को बरकरार रखने की बात कही गई। राज्य में सूफी सर्किट परियोजना तथा आगरा में ताजगंज व ताजमहल के रास्तों के विकास की परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति देने तथा धनराशि उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में 33 सूफी साइट्स अवस्थित हैं। इन स्थानों पर पर्यटकों/श्रद्धालुओं के लिए जनसुविधाओं के विकास की योजना बनाई गई है। ये स्थान देश एवं विदेश के पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण रखते हैं।
up-cm-shri-akhilesh-yadav-with-shri-subodh-kant-sahayminister-for-tourism2बैठक में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से शुरु की गई ‘क्लीन इण्डिया कैम्पेन इनीशिएटिव’ योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू करने का निर्णय लिया गया। इस योजना को सबसे पहले वाराणसी में, इसके बाद आगरा एवं अन्य पर्यटक स्थलों में लागू करने की योजना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सितम्बर में वाराणसी में प्रस्तावित बुद्धिस्ट काॅनक्लेव के लिए विशेष साफ-सफाई तथा सड़कों के निर्माण के निर्देश दिए। गौरतलब है कि इस काॅनक्लेव में लगभग 400 लोग भाग लेंगे। इलाहाबाद में आगामी महाकुम्भ को देखते हुए चार हजार लोगों को हुनर से रोजगार योजना (एच0एस0आर0टी0) के तहत प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई गई है। इसके लिए केन्द्रीय पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजे गए हैं।
इस अवसर पर बुद्ध परिपथ के अन्तर्गत भगवान बुद्ध से जुड़े कपिलवस्तु, सारनाथ, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी और कुशीनगर के विकास पर बल दिया गया। जापान इन्टरनेशनल कार्पोरेशन एजेन्सी के माध्यम से लागू की जाने वाली फेज-2 योजना को जल्द स्वीकृत करने की बात केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा कही गई। राज्य सरकार द्वारा बुद्धिस्ट सर्किट का विकास और इससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण स्थलों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने की योजना की जानकारी दी गई। कुशीनगर में मैत्रेयी योजना पर काम करने तथा यहां अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का कार्य शीघ्र शुरु करने की बात भी बताई गई।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने उत्तर प्रदेश की विविधता की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सांस्कृतिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले मेलों को प्रचारित-प्रसारित करने तथा थीम पार्कों के विकास का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने आगरा में आयोजित होने वाले ताज महोत्सव, वाराणसी में आयोजित होने वाले गंगा महोत्सव, सारनाथ एवं कुशीनगर में आयोजित होने वाले बुद्ध महोत्सव आदि की चर्चा करते हुए इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए, जिससे कि विदेशी पर्यटक भी इनको देखने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
वर्ष 2013 में इलाहाबाद में आयोजित होने वाले महाकुम्भ को एक लार्ज टूरिस्ट इवेन्ट के रूप में चिन्हित कर इसके लिए आवश्यक तैयारी करने पर सहमति बनी। प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित होने वाले इस महाकुम्भ में लगभग 7 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों के इलाहाबाद में आने की सम्भावना है। इस अवसर पर इलाहाबाद के प्रवेश मार्गों पर थीमैटिक प्रवेश द्वारों का निर्माण और नगर के दर्शनीय स्थानों के सौन्दर्यीकरण तथा पर्यटक आवास गृहों का उच्चीकरण किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ा राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में पर्यटन की काफी सम्भावनाएं हंै। इस क्षेत्र के विकास से रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे और राजस्व में वृद्धि भी होगी। उन्होंने पर्यटक आवास गृहों की वर्तमान स्थिति को असन्तोषजनक बताते हुए इन्हें पी0पी0पी0 माॅडल में विकसित करने के निर्देश दिए ताकि पर्यटकों के साथ-साथ राज्य को भी आर्थिक लाभ हो। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आगरा में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के साथ-साथ जनपद के सभी मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया है, जिसका सीधा लाभ पर्यटन को बढ़ावा देने में मिलेगा। उन्हांेने कहा कि पर्यटकों को लेकर राज्य में आने वाले वाहनों का टैक्स आॅनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था और अधिक प्रभावी की जाये। इसके अलावा जब तक इस व्यवस्था की जानकारी लोगों को अच्छी तरह से न हो जाये तब तक बरेली, सहारनपुर, आगरा तथा दिल्ली में टैक्स प्राप्त करने की व्यवस्था की जाये। पर्यटन सम्बन्धी परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए सम्बन्धित विभागों में परस्पर समन्वय पर बल देते हुए उन्होंने मुख्य सचिव को समय-समय पर समीक्षा भी करने के निर्देश दिए।
बैठक में पर्यटन राज्य मंत्री श्री ठाकुर मूलचन्द्र चैहान, प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, सचिव केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय श्री आर0एच0 ख्वाजा, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, अतिरिक्त महानिदेशक केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय श्रीमती ऊषा शर्मा, श्री मुजफ्फर अली, सचिव पर्यटन श्री मनोज कुमार सिंह सहित केन्द्र एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारी एवं पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक के पश्चात एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता के मौके पर मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय पर्यटक मंत्री ने कुम्भ मेले के विभिन्न आयामों से संबंधित पर्यटन विभाग के तीन पोस्टरों का लोकार्पण भी किया। ज्ञातव्य है कि कुम्भ मेले के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा आकर्षक पोस्टर तैयार कराए गए हैं। कुम्भ मेले के संबंध में दो अन्य पोस्टरों का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में किया जा चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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