लगातार समाचार के माध्यम से जिला परियोजना अधिकारी का ध्यानाकर्षण करने की कोषिष की जाती रही है परन्तु विभागीय लापरवाही के चलते जिले के 80 प्रतिषत आॅगन बाड़ी केन्द्र बन्द हैं। गौर तलब हो कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे एक से 6 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य एवं विकास का जिम्मा लेने वाले आॅगन वाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल है। ज्ञात हो कि बाल-विकास पुष्टाहार योजना द्वारा संचालित पुष्टाहार व हाट कुक येजना के तहत मिलने वाले भोजन से बच्चे वंचित हो रहे हैंे। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती धात्री एवं तीन वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य का जिम्मा इस विभाग के पास है। प्रभारी परियोजनाधिकारी,बाल विकास परियोजनाधिकारी एवं सुपरवाइजर भी बन्द हुए केन्द्रों के निरीक्षण के बजाय कार्यालय मंे बैठकर कागजी कोरम पूरा करने में लगे हुए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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