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वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेताओं की एक बैठक सम्पन्न

Posted on 21 July 2012 by admin

उत्तर प्रदेश कांग्रेेस कमेटी मुख्यालय में आज वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेताओं की एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार के शासनकाल में पांच माह व्यतीत हो जाने के बाद भी प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग के गठन न होने, मदरसा बोर्ड, फखरूद्दीन अली अहमद कमेटी के गठन न होने, ऊर्दू अकादमी के गठन व चेयरमैन की नियुक्ति अब तक न होने आदि मुद्दों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गयी।
अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि फखरूद्दीन अली अहमद कमेटी के गठन न होने से अदीबों, शायरों, लेखकों एवं बुद्धिजीवियों का लेखन सहित सारा कार्य ठप पड़ा है। पूर्ववर्ती बसपा सरकार ने कमेटी का गठन तो किया किन्तु उसका कार्यकाल छोटा करके एक वर्ष कर दिया, जिससे मुसलमानों के कल्याण की दिशा में कोई कार्य नहीं हो सका।
इसी प्रकार अल्पसंख्यक आयोग के गठन न होने से प्रदेश में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के उत्पीड़न की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। ऊर्दू अकादमी के गठन न होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि अकादमी का गठन न होने से ऊर्दू शिक्षा एवं ज़बान के विकास का मार्ग अवरूद्ध हो रहा है।
अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि अल्पसंख्यकों के काम एवं मुद्दे सिर्फ रामपुर तक हीं सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के मुद्दे एवं विकास की समस्या है। इसलिए राज्य सरकार को पूरे प्रदेश के मुसलमानों के शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण हेतु कदम उठाने की आवश्यकता है। बैठक में मांग की गयी कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा देश के सभी राज्यों को इमामों को वेतन दिये जाने के निर्देश के तहत कंाग्रेसशासित राज्य हरियाणा एवं दिल्ली में मदरसों में शिक्षण कार्य करने वाले इमामों को दिये जा रहे वेतन की भांति उत्तर प्रदेश में भी राज्य सरकार को मदरसे में कार्यरत इमामों को वेतन दिया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि इमामों के वेतन एवं अन्य समस्याओं के सम्बन्ध में एक प्रतिनिधिमण्डल उत्तर प्रदेश के महामहिम श्री राज्यपाल से भी मिला था और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था।
बैठक में यह भी कहा गया कि अल्पसंख्यकों की बहबूदी के लिए गठित सच्चर कमेटी एवं रंगनाथ मिश्र कमेटी की सिफारिशों को ज्यादातर राज्य सरकार द्वारा कियान्वयन किया जाना है लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भी राज्य सरकार इस ओर कोई तरजीह नहीं दे रही है। इन्दिरा आवास योजना के तहत गरीब अल्पसंख्यकों को 15प्रतिशत आवास मिलना चाहिए, किन्तु पिछली बसपा सरकार ने सिर्फ 2प्रतिशत भी नहीं दिया है, उसकी प्रतिपूर्ति करने के सम्बन्ध में राज्य सरकार को विचार करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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