नेशनल ई-गवर्नेन्स योजनान्तर्गत जनसामान्य को स्थानीय स्तर पर विभिन्न शासकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से प्रदेश में स्टेट पोर्टल, एस.एस.डी.जी. एवं ई-फाम्र्स योजना आगामी पहली अगस्त से लागू कर दी जायेगी, जिसके अन्तर्गत आम नागरिकों को स्टेट पोर्टल एवं ई-फाम्र्स के माध्यम से शासकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। प्रथम चरण में 08 विभागों- पंचायती राज, राजस्व, श्रम, नगर विकास, विकलांग कल्याण, महिला कल्याण एवं बाल विकास, समाज कल्याण, खाद्य एवं रसद विभागों की कुल 26 शासकीय सेवाएं इलेक्ट्रानिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा राज्य में स्थापित जनसेवा केन्द्रों /लोकवाणी केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी आज योजना भवन के सभाकक्ष में स्टेट पोर्टल, एस.एस.डी.जी. एवं ई-फाम्र्स योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं के लिए अब आम नागरिकों को विभाग के पास जाना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम नागरिक को यह सुविधा उपलब्ध कराना एक क्रान्तिकारी कदम है, जिसकी सफलता के लिए अधिकारियों को स्वयं प्रशिक्षित होने के साथ-साथ अपने अधीनस्थ कर्मियों को भी प्रशिक्षित करना होगा।
श्री उस्मानी ने सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए कि अपने अधीनस्थ विभागों में नोडल अधिकारी नामित करते हुए कार्यों का अनुश्रवण करने हेतु योजना बना लें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी स्टेट पोर्टल द्वारा आम जनता को दी जाने वाली सुविधाओं की रेण्डम चेकिंग कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में निर्धारित समय के अन्दर वांछित सूचना एवं सेवा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार अधिकारियों के डिजीटल हस्ताक्षर बना लिए जायें ताकि जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाये।
औद्योगिक विकास आयुक्त, डा0 अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि मेघालय एवं मणिपुर के बाद देश का पहला प्रदेश उत्तर प्रदेश है, जहां यह व्यवस्था क्रियान्वित कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता के लिए आवश्यक है कि सम्बन्धित कर्मी अपने दायित्वों का निर्वहन तन्मयता से सम्पादित कर आने वाली समस्याओं का निराकरण तत्काल कराना सुनिश्चित करें ताकि जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रमुख सचिव आई0टी0 श्री जीवेश नन्दन ने कहा कि देश में ई-पोर्टल के माध्यम से दिए जाने वाले 44-45 लाख प्रमाण पत्रों में से 39 लाख उत्तर प्रदेश से ही दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणोपरान्त कर्मी अपने दायित्वों का निर्वहन कर आम जन को बेहतर सुविधा उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने कहा कि जनता को किसी भी शासकीय सेवा के लिए जनसेवा केन्द्रों/लोकवाणी केन्द्रों में जाकर आवेदन करने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि आवेदन की इन्ट्री इलेक्ट्रानिक फाम्र्स पर केन्द्र आॅपरेटर द्वारा की जायेगी तथा अग्रिम कार्यवाही हेतु इलेक्ट्रानिक विधि से सम्बन्धित विभागीय अधिकारी को प्रेषित की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सेवा के लिए अधिकृत एवं सक्षम अधिकारी के डिजीटल हस्ताक्षर से सेवा प्रदान की जानी है। ऐसे अधिकारियों के डिजीटल सिगनेचर सर्टिफिकेट बनवाकर उनको स्टेट पोर्टल/ई-फाम्र्स के माध्यम से उपयोग करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान कराया जा रहा है।
श्री जीवेश नन्दन ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग के अन्तर्गत नये राशन कार्ड हेतु आवेदन, नवीनीकरण, संशोधन एवं समर्पण हेतु आवेदन, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत रोजगार कार्यालय में पंजीयन हेतु आवेदन एवं पंजीकरण के नवीनीकरण हेतु आवेदन, नगर विकास विभाग के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र के जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु आवेदन, विकलांग कल्याण विभाग के अन्तर्गत विकलांग व्यक्ति को ऋण हेतु आवेदन, विकलांग व्यक्ति के विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु आवेदन, विकलांग व्यक्ति को संयंत्रों आदि के क्रय हेतु सहायता हेतु आवेदन, समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत वृद्धावस्था पेंशन हेतु आवेदन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु आवेदन, सामान्य, अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति हेतु आवेदन, बीमारी एवं विवाह हेतु अनुदान के लिए आवेदन, उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत संबंधी आवेदन, पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत कुटुम्ब रजिस्टर की कापी के लिए आवेदन, ग्रामीण क्षेत्र के जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन, राजस्व विभाग के अन्तर्गत निवास, जाति, आय एवं खतौनी हेतु आवेदन तथा महिला एवं बाल विकास विवाह के अन्तर्गत पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) पेंशन योजना हेतु आवेदन, दहेज योजना के अन्तर्गत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु आवेदन, दहेज उत्पीड़न में महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने हेतु आवेदन, पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) की पुत्री के विवाह हेतु अनुदान हेतु आवेदन एवं दम्पत्ति पुरस्कार योजना के अन्तर्गत 35 वर्ष से कम आयु की विधवा महिला के विवाह हेतु आवेदन आदि शासकीय सेवायें आम नागरिक को उपलब्ध होंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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