उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने कहा कि विकलांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन एवं छात्रवृत्तियों का आवेदन एवं वितरण का समस्त कार्य डाटाबेस कम्प्यूटराइजेशन कराकर पात्र व्यक्तियों कोे आॅनलाइन आवेदन की सुविधा, आवंटित धनराशि पात्र व्यक्तियों के खाते में सीधे इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर कराने, विभागीय वेबसाइट पर वांछित जानकारी उपलब्ध कराने आदि कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु एक कार्य योजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति योजना से पात्र छात्रों को लाभान्वित कराने हेतु डाटाबेस कम्प्यूटराइजेशन कराने हेतु प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है, जो 15 दिन के अन्दर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को और अधिक सुचारू रूप से संचालित कराने और बेहतर बनाने हेतु कार्य योजना बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रांे के कार्यों का जनपद स्तर पर रैन्डम चेकिंग के साथ-साथ थर्ड पार्टी से वेरिफिकेशन भी कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी एवं सहायकों के रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाकर आगामी 03 माह में पूर्ण करा ली जाये। उन्होंने कहा कि असंचालित 1055 आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन तत्काल प्रारम्भ कराया जाये तथा समुदायिक/किराये/अन्य स्थानों में 39969 संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को तत्काल विभागीय अथवा शासकीय भवनों में स्थानांतरित करने हेतु मिशन के रूप में कार्यवाही प्रारम्भ की जाये। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिला समितियों की भागीदारी सुनिश्चित कराकर और अधिक जनोपयोगी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि पंजीरी वितरण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देकर वितरण सुनिश्चित कराया जाये। मुख्य सचिव आज यहां शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में विकास एजेण्डा-05 के अन्तर्गत अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, महिला कल्याण एवं बाल विकास, विकलांग कल्याण तथा श्रम विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पात्र वृद्ध जनों को पेंशन से लाभान्वित कराने हेतु 1673 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसके तहत 41 लाख 80 हजार वृद्ध जनों को लाभान्वित कराया जा सकता है। जबकि वर्तमान में लगभग 37 लाख वृद्ध जनों को ही लाभान्वित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवंटित बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग कराने के लिये लगभग 05 लाख नये पात्र वृद्ध जनों को चिन्हित करने हेतु जनपदवार एक विशेष अभियान चलाकर वृद्ध जनों को पेंशन से लाभान्वित कराया जाये। उन्होंने कहा कि इस कार्य हेतु एक सप्ताह के अन्दर कार्ययोजना बनाकर अवगत कराया जाये। उन्होंने श्रम निर्माण कर 01 प्रतिशत की वसूली पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि अधिष्ठानों एवं श्रमिकों का पंजीयन करने हेतु जनपदवार लक्ष्य निर्धारित कर एक विशेष अभियान चलाया जाये। अभियान से लगभग प्रतिवर्ष 200 से 300 करोड़ रुपये की धनराशि की वसूली की जा सकती है। उन्होंने कहा कि श्रम निर्माण कर से प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग श्रमिकों के उत्थान हेतु विभिन्न योजनान्तर्गत योजना के अनुसार एक वृहद कार्य योजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय कर्मकारों की सूचना आगामी 31 अक्टूबर तक पासपोर्ट कार्यालयों से एकत्र कर ली जाये। श्री उस्मानी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 87 लाख लोगों को पेंशन दी जा रही है, जिसका डाटाबेस कम्प्यूटराइजेशन कराकर आॅनलाइन धनराशि स्थानान्तरित कराने हेतु 15 दिन के अन्दर कार्ययोजना बनाते हुए आगामी 03 माह में क्रियान्वित करा दी जाये। उन्होंने बताया कि मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेन्ट प्लान के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 9174 आंगनबाड़ी भवनों में से 6927 आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 5284 निर्मित आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का हस्तानान्तरण कराते हुए केन्द्रों का संचालन कराया जाये। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन 1643 आंगनबाड़ी केन्द्रों का कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ-साथ यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि पोषाहार कार्यक्रम को और बेहतर बनाने हेतु एक सप्ताह में पोषाहार योजना बनाकर समयबद्ध पत्रावली प्रस्तुत की जाये। उन्होंने कहा कि पोषाहार योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु एक समिति का गठन कर आवश्यकतानुसार अन्य प्रदेशों में चल रही पोषाहार योजना का भी अध्ययन करा लिया जाये। समाज कल्याण आयुक्त श्री सदाकान्त ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिये पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 74343.84 लाख रूपये के बजट का प्राविधान निर्धारित कर लगभग 19643707 पात्र छात्र-छात्राओं का भौतिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए लाभान्वित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में प्रदेश में 33216.85 लाख रूपये के बजट का प्राविधान निर्धारित कर लगभग 1651854 पात्र छात्र-छात्राओं का भौतिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए लाभान्वित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति के लिये लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में प्रदेश में 41317.48 लाख रूपये के बजट का प्राविधान निर्धारित कर लगभग 1651854 पात्र छात्र-छात्राओं का भौतिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए लाभान्वित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री सदाकान्त ने बताया कि 2.05 करोड़ टेक होम राशन कार्ड मुद्रित कराये जा रहे हैं। प्रिन्टिग का कार्य शीघ्र पूरा कराके 06 माह में समस्त केन्द्रों पर वितरित करा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत हाॅट कुक्ड फूड योजना के लाभार्थियों के दैनिक अनुश्रवण हेतु मोबाइल फोन आधारित इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गयी है, जिसके अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मोबाइल फोन पर आई0वी0आर0एस0 काल भेजकर बच्चों की उपस्थित ज्ञात की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुल 727622 विकलांग पेंशनर हैं, जिनके सत्यापन का कार्य युद्धस्तर पर चलाकर विगत माह जून तक 476772 पेंशन लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा चुका है, जिसमें 4881 लाभार्थी मृतक/अपात्र पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि विकलांग पेंशन हेतु 3366.67 लाख रूपये की स्वीकृति जनपदांे को निर्गत कर दी गयी है, जिसके सापेक्ष विगत माह जून तक 395.046 लाख रूपये का वितरण कराकर 28876 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है। प्रमुख सचिव श्रम शैलेष कृष्ण ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते का भुगतान त्रैमासिक किस्तों में कराया जायेगा, जिसके लिये 1100 करोड़ रूपये की व्यवस्था आय-व्ययक में की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त सेवायोजन कार्यालयों में विगत माह जून तक कुल 35,964 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। उन्होंने बताया कि विगत माह जून तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 18,522 अधिष्ठानों का पंजीयन तथा 189755 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के माह जून तक लगभग 437.51 करोड़ रूपये सेस के रूप में जमा कराया गया है। उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिकों को लाभान्वित कराये जाने हेतु विभिन्न हितकारी योजनाओं के अन्तर्गत 13,802 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुये हैं, जिसमें निहित श्रमिकों की संख्या 4758 है। इन निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 1.83 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित करायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों की रोजगारपरकता में वृद्धि हेतु लगभग 52 शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्र कार्यरत हैं, जिनको अद्यावधिक करने हेतु शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्रों के भवन निर्माण की योजना बनायी गयी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 07 शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्र यथा-पीलीभीत, बहराइच, अलीगढ़, सुल्तानपुर, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी तथा फतेहपुर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिसमें विद्युत संयोजन की कार्यवाही प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित भवनों के अधिग्रहण करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश निर्गत कर दिये गये हैं। शीघ्र ही उक्त नवनिर्मित भवनों को अधिग्रहीत कर जनोपयोगी बनाया जा सकेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण श्री गुरदीप सिंह, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री भुवनेश कुमार, सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री लीना जौहरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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