समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के आज चार माह पूरे हो गये हैं जो सफलता और उपलब्धियों का दिशा संकेत करते हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इस बीच विधानमण्डल सत्र मंे पूरी सक्रियता दिखाई और उसकी कार्यवाही में हिस्सा लेते हुये अपने संसदीय कौशल की भी छाप छोड़ी है। वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने 200,110Û61 करोड़ रूपए का बजट पेश किया जो अब तक पेश किए गए बजट प्रस्तावों में सबसे अधिक था तथा जो विगत वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्शता है। बजट में नए कर लगाए बिना समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाए गए।
मुख्यमंत्री पद की 15 मार्च 2012 को शपथ ग्रहण के साथ ही श्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमण्डल का गठन किया था जिसमें अनुभव और नयेपन का समावेश है। मंत्रिमण्डल के सदस्यों का चयन मुख्यमंत्री के विवेक पर होता है। अखिलेश यादव जी ने बिना किसी दबाव के अपने सहयोगियों का चयन किया। उन्होंने कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति पर नियंत्रण किया। बिजली, पानी, सड़क को प्राथमिकता दी। वाायदे के अनुसार लैपटाप और बेकारी भत्ता देने की व्यवस्था की।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने दिखा दिया है कि राजनीति में वह नए नहीं हैं। वे कन्नौज से 1999 में पहली बार सांसद बने। उसके बाद कन्नौज की जनता ने उन्हें फिर दो बार अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने न केवल संगठन को मजबूत किया अपितु चुनाव पूर्व समाजवादी क्रान्तिरथ यात्रा से उन्होंने प्रदेश में एक ऐसी लहर पैदा की कि चुनाव में समाजवादी पार्टी को प्रचंड बहुमत भी हासिल हुआ। समाजवादी पार्टी के इतिहास में यह अभूतपूर्व उपलब्धि रही है। उनकी राजनीतिक परिपक्वता का प्रदर्शन कई मौकों पर हो चुका है। उसके लिए सिर्फ इतना ही बताना काफी होगा कि किसी भी अपराधिक छवि वाले को पार्टी में न लेने का एलान कर श्री अखिलेश यादव ने क्षण भर में पार्टी की छवि बदल दी थी। लोगों का विश्वास है कि समाजवादी पार्टी मजबूत रास्ते पर है।
श्री अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश में लोकतन्त्र की नई अनुभूति लोगों को हो रही है। पिछली सरकार में अपराधी भयमुक्त थे। श्री यादव ने अपने द्वार जनता के लिए खोल दिए हैं और प्रशासन को निर्देश दिया कि अपराधियों की जगह जेल होगी। जहाॅ तक कुछ निर्णयों को वापस लिए जाने की बात है, श्री यादव की लोकतंत्र में गहरी आस्था का इससे परिचय मिलता है। किसी निर्णय के प्रति यदि उन्हें कुछ की असहमति दिखी तो तत्काल उसे वापस लेकर उन्होंने लोकतांत्रिक मान्यताओं का ही समादर किया है। इससे उनके अनुभवी नेतृत्व का परिचय मिलता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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