उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने समस्त प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को निर्देश दिये हैं कि जनसामान्य को उपलब्ध करायी जाने वाली विभिन्न विभाग की अधिकांश सेवायें जनहित गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत विभागवार तत्काल चिन्हित की जाये। उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर सेवा और आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कार्याें में और अधिक पारदर्शिता लायी जाये। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जनता की समस्याओं का निराकरण समय से हुआ और अनावश्यक रूप से आमजन को दौड़ाया गया तो संबंधित अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी सभी नियामक सेवाओं को, जिनमें जनसामान्य का सरकारी कार्यालय में सम्पर्क होता है, को कालान्तर में उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित कराना आवश्यक है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उ0प्र0 में जनहित गारण्टी अधिनियम को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किये जाने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहें थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 के अन्तर्गत वर्तमान में राजस्व विभाग, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद तथा परिवहन विभाग की कुल 17 सेवायें आच्छादित हैं जबकि विभिन्न विभागों की और अधिक अधिकांश सेवायें आच्छादित होनी चाहिए।
श्री उस्मानी ने कहा कि विभागवार सेवायें चिन्हांकित कर सूची तत्काल उपलब्ध करायी जाये ताकि सभी विभागों का समन्वय करके कार्य परिचालित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अन्तिम स्वरूप प्रदान किये जाने के पूर्व विभागवार मत अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में विलम्ब व लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्हांेने कहा कि आमजन को समयबद्ध सर्विसेज उपलब्ध कराने हेतु सेवाओं को तत्काल चिन्हित किया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व, श्री अशोक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास,
श्री प्रवीर कुमार सहित अन्य समस्त विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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