समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1990-91 का बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि “हम बख्शीश की राजनीति के स्थानपर व्यवस्था परिवर्तन की राजनीति चाहते हैं। हम समाज के हर वर्ग को इतना शक्तिशाली और समृद्ध बनाने तथा ऐसी चेतना से सम्पन्न करना चाहते हैं कि उसमें अपने उत्थान के लिए स्वयं सामथ्र्य पैदा हो।“
जनकल्याण की इसी भावना के साथ प्रदेश की सत्ता की बागडोर सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जो बजट वर्ष 2012-13 के लिए प्रस्तुत किया उसमें प्रदेश के समग्र विकास का लक्ष्य रखा गया है। इस बजट का उद्देश्य गांव-गरीब का कल्याण है। समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं के लिए 13,407.53 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार ने वृद्धावस्था/किसान पेंशन हेतु 1,473.59 करोड़ रूपए और राष्ट्रीय परिवारिक व्यय के लिए 300 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्गोे के परिवारो की पुत्रियों की शादी तथा परिवार के इलाज के लिए बजट में 138 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देशन में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करनेवाले परिवारों, जिन्हें बीपीएल योजना, अंत्योदय योजना या किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें सहायता देने के लिए रानी लक्ष्मी बाई पेंषन योजना प्रारम्भ की गई है। योजना में लाभार्थी को 400 रूपए प्रतिमाह की दर से दो किष्तो में सहायता दी जाएगी। पेंशन राशि लाभार्थी के नाम से बजट खाता खोलकर हस्तांतरित की जाएगी।
प्रदेश सरकार गर्भवती, व्याही महिलाओं एवं छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने एवं उनके समन्वित विकास के लिए वचनबद्ध है। सरकार ने “स्वाधार गृह योजना“ के नाम से नई योजना चलाने का इरादा किया है, जिसके अंतर्गत महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वस्तुतः प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए सीमित संसाधनों में भी ज्यादा से ज्यादा कार्यो को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है। उन्होने चुनाव घोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने का संकल्प ले रखा है। वे चाहते हैं एक ऐसा उत्तम प्रदेश बने जिसमें हरेक को बेहतर एवं सम्मानजनक जिन्दगी जीने की सभी सुविधाएं हासिल हों।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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