प्रदेश पुलिस के फालोवर्स (चतुर्थ Ÿोणी कर्मचारी) ने मनमाने ढंग से काम लेने, पालतू जानवरों की देखभाल कराने और उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पुलिस विभाग चतुर्थ Ÿोणी कर्मचारी एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले इन लोगों ने वीडियो रिकाघ्डंग के साथ इलाहाबाद उच्चन्यायालय में इसी सिलसिले में एक जनहित याचिका दायर की है। एसोसिएशन के महासचिव कृष्ण मुरारी पाल ने आज यहां बताया कि विभाग में करीब १५ हजार फालोवर कार्यरत हैं, जिनका काम खाना बनाना और स बन्धित परिसर को साफ रखना है।
पाल ने दावा किया कि इसमें करीब नौ हजार फालोवर अधिकारियों के बंगलों पर तैनात हैं और उनसे घरेलू काम करवाया जाता है। सरकार करीब डेढ़ करोड़ रुपये प्रतिमाह फालोवर्स को वेतन देती है, लेकिन ज्यादातर फालोवर्स से सरकारी काम की बजाय घरेलू काम कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएसी जवानों के प्रत्येक मेस में करीब छह फालोवर तैनात किये जाते हैं, लेकिन इसमें से करीब चार तो अधिकारियों के बंगलों पर रहते हैं और साठ जवानों के खाना बनाने के लिए मात्र दो फालोवर ही मेस में रहते हैं। उन्होंने इस स बन्ध में खासतौर पर पीएसी की ३५वीं और ३२वीं वाहिनी का जिक्र किया जो लखनऊ में है।
पाल ने कहा कि फालोवर्स की दुर्दशा देखनी हो तो कोई भी पुलिस ट्रांजिस्ट हॉस्टल महानगर लखनऊ और गोमतीनगर के पुलिस इन्क्लेव का दौरा कर सकता है। फालोवर्स से काम लिये जाने का पूरा ब्यौरा सीडी में दिया गया है जिसे उच्च न्यायालय के साथ ही मीडिया को भी उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने कहा कि जानकर आश्चर्य होगा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने घरेलू काम के लिए दो या दो से अधिक फालोवर्स की अपने बंगलों पर ड्यूटी लगा रखी है।
एसोसिएशन बनाने पर भी आपत्ति की गयी। कुछ फालोवर्स के खिलाफ गलत मामले दर्ज कराये गये। कुछ को बर्खास्त किया गया। इसलिए उन्होंने इन कार्रवाइयों के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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