उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पूरे प्रदेश में एक प्रकार से अराजकता का माहौल है एवं अपराधियों को जेलों से रिहा कराकर उन पर से मुकदमें भी वापस लिये जा रहे हैं तथा जन-कल्याण की अनेकों योजनाओं को भी बन्द किया जा रहा है और साथ ही साम्प्रदायिक दंगा आदि के कारण सपा शासनकाल के करीब तीन महीने के भीतर ही जनता में त्राहि-त्राहि मची है, परन्तु सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव अपने पुत्र की सरकार को छह महीने का समय देने की गुहार जनता व प्रतिपक्ष से कर रहे हैं।
और अब समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी की ’’परिवारवादी’’ परम्परा को जारी रखते हुये कन्नौज की लोकसभा सीट पर उत्तर प्रदेश चुनाव में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। और नामंकन दाखिल करने के समय और उससे पहले से ही यह डंका पीटा जा रहा है कि कन्नौज क्षेत्र के ’’विकास’’ के लिये ही मुख्यमंत्री की पत्नी को मैदान में उतारा गया है। वैसे उत्तर प्रदेश की जनता को सपा के ’’विकास’’ का काफी कटू अनुभव रहा है, क्योंकि श्री मुलायम सिंह यादव ने राजनैतिक इमानदारी नही बरत कर मात्र अपने गृह जिले इटावा का ही थोड़ा-बहुत ख्याल रखा है और अपने संसदीय क्षेत्र, वह चाहे मैनपुरी हो या सम्भल, की खासकर ’’विकास’’ के मामले में हमेशा ही अनदेखी व उपेक्षा की है अर्थात उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में भी वह अपने पुराने संसदीय क्षेत्रों का समुचित ’’विकास’’ नही कर पाये हैं। और अब उनके मुख्यमंत्री पुत्र के बारे मे जनता को देखना होगा कि कन्नौज से तीन बार सांसद रहे श्री अखिलेश यादव अब अपनी पत्नी के हवाले से अपने पुराने व पिछड़े हुये संसदीय क्षेत्र का कितना विकास करते हैं?
और वैसे सभी जानते ही हैं कि ’’विकास’’ की बात तो सभी विरोधी पार्टियाँ करती हैं, परन्तु कांग्रेस व बी.जे.पी. ’’पँूजीपतियों’’ का विकास चाहती हैं जबकि सपा ’’अपने परिवार’’ की सम्पन्नता को ही विकास मान कर चलती है और यही उसकी नीति भी है, जबकि बी.एस.पी. का ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक उत्थान’’ का मूवमेन्ट हमेशा ही खासतौर से समाज के सबसे ज्यादा शोषित-पीडि़त व सर्वसमाज के गरीबों के लिये समर्पित रहा है।
अर्थात सपा की इस प्रकार की नीति का खासकर ’’पर्दाफाश’’ करने के उद्देश्य से तथा श्री मुलायम सिंह यादव की गुहार को मद्देनजर रखते हुये ही बी.एस.पी. ने उत्तर प्रदेश में कन्नौज लोकसभा उप-चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा नही करने का फैसला लिया है। और फिर लोकसभा का आम चुनाव होने वक्त तक जनता के सामने इस हकीकत का सही मायनें में भी पर्दाफाश हो जायेगा कि सपा सरकार एवं उस पार्टी के मुख्यमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के ’’विकास’’ की कैसी तस्वीर देश व प्रदेश की जनता के समक्ष पेश करते हैं।
वैसे कांग्रेंस पार्टी के ’’विकास’’ की पोल नेहरू-गाँधी परिवार के परमपरागत क्षेत्र, उत्तर प्रदेश के ’’अमेठी, रायबरेली और सुलतानपुर’’ में पहले ही खुल चुकी है और सपा के ’’विकास’’ को भी पहले मैनपुरी व सम्भल की जनता अच्छी तरह से देख चुकी है और अब कुछ यह तमाशा कन्नौज के लोग भी देंख लें ताकि अगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही इसका पर्दाफाश हो जाये।
इन्ही सब कारणों की वजह से ही बी.एस.पी. द्वारा उत्तर प्रदेश में मथुरा की माँठ विधानसभा सीट पर हो रहे उप-चुनाव को भी नही लड़ने का फैसला लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com