मायावती जी की प्रतिक्रिया: ताज प्रकरण में आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सी.बी.आई. जाँच को लेकर आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, अर्थात् मुझे जो राहत दी है, उसका मैं, और मेरी पार्टी हार्दिक दिल से स्वागत करती है।
इसके साथ ही मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील श्री हरीश साल्वे और इनके सहयोगी व हमारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्रा जी का भी दिल से आभार प्रकट करती हूँ, जिन्होंने मेरे इस केस को माननीय सुप्रीम कोर्ट में काफी सही पैरवी की है।
इसके साथ ही मैं पूरे देश भर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं व शुभ चिन्तकों का भी दिल से आभार प्रकट करती हूँ, जो लगभग 10 वर्षों की लम्बी अवधि के दौरान, इस केस के सम्बन्ध में काफी उतार-चढ़ाव आने के बावजूद भी, मेरी तरह कभी भी विचलित नहीं हुये, और खुशी की बात यह है कि वे सभी लोग पूरे समय मेरे संघर्ष में पूरे धैर्य से मजबूत चट्टान की तरह मेरे साथ डटे रहे।
क्योंकि मेरी तरह वे लोग भी जानते हैं कि आत्म-सम्मान के मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने के लिए परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व बी.एस.पी. मूमवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी ने आजीवन कड़ा संघर्ष किया और उनके समक्ष आने वाली हर कठिनाईयों से विचलित ना होकर, उनका डटकर मुकाबला किया है और ‘‘बहन जी‘‘ (माननीया कुमारी मायावती जी) के खिलाफ भी विरोधी ताकतों द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल कर उन्हें भी अपनी मंजिल तक पहुँचने में लगातार भारी बाधा उत्पन्न की जाती रही है, जिसका भी माननीया बहन जी के साथ उन्हें भी डटकर मुकाबला करते हुये कारवाँ को मंजिल तक पहुँचाना है।
मीडिया के समक्ष आज यहाँ लखनऊ में अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये माननीया सुश्री मायावती जी ने माननीय सुप्रीम कोर्ट का भी दिल से आभार प्रकट किया कि उन्होंने उनकी पूरी बात गम्भीरतापूर्वक सुनी और अन्ततः ‘‘न्याय‘‘ किया।
ताज प्रकरण से सम्बन्धित माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज दिनांक 6 जुलाई,2012 के फैसले के सम्बन्ध में बी.एस.पी. के शुभ चिन्तकों
की प्रतिक्रिया निम्न प्रकार से है:
मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आज के आदेश का हम स्वागत करते हैं, जिसके तहत उन्होंने ब्ठप् द्वारा दायर की गयी थ्प्त् को खारिज ;ुनंेीद्ध कर दिया है। लगभग पिछले दस वर्षों से इस देश की लगभग सभी विरोधी ताकतों ने ताज काॅरीडोर मामले तथा आय से अधिक सम्पत्ति होने का खुलेआम मिथ्या और मनगढंत आरोप विद्वेष और दलित विरोधी भावना से ग्रसित होकर सिर्फ सुश्री मायावती जी को बदनाम करने के लिए लगाते रहे हैं, जबकि मा0 बहन जी ने अपना पूरा जीवन गरीब असहाय और उपेक्षित लोगों को समाज में सम्मान दिलाने में समर्पित किया है। ऐसे सभी लोगों, पार्टियों और व्यक्तियों को मा0 सर्वोच्च न्यालय के आज के निर्णय से ‘‘सही तस्वीर‘‘ अपने देशवासियों के सामने आ गयी है।
हलांकि पिछले 10 वर्षों से इस केस की आड़ में जो बहन सुश्री मायावती जी के सम्मान को ठेस पहुॅचाने व बी.एस.पी. मूवमेन्ट को आघात पहुँचाने का लगातार प्रयास किया गया तथा लगातार मिथ्या आरोप लगाकर जिस तरह से उनको बदनाम करने का प्रयास किया गया, उस मानहानि की कोई भरपाई ;बवउचमदेंजपवदद्ध नहीं हो सकती है लेकिन 10 वर्षों बाद ही सही आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से जो राहत मिली है, उसका बहुजन समाज पार्टी के सभी कार्यकर्ता व शुभ-चिन्तक अर्थात् हम सभी लोग इस निर्णय का हार्दिक स्वागत करते हैं।
इसके साथ-साथ आज के फैसले से यह भी साबित हो गया है कि दिनांक 19 सितम्बर 2003 के सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय की आड़ में उसका जान-बूझकर गलत मतलब निकालते हुये व दुरुपयोग करते हुए तत्कालीन बीजेपी सरकार के दबाव में सी.बी.आई. ने गलत थ्प्त् दर्ज करके दस जगह छापा मारते हुए कार्यवाही शुरू की थी, और जब इन छापों में सी.बी.आई. को एक नये पैसे की प्राप्ति नहीं हुई तो इन्होंने सुश्री मायावती जी और उनके रिश्तेदारों के प्दबवउम ज्ंग के पिछले 10 वर्षों के मामलों को दोबारा खोलकर छानबीन करना शुरू किया परन्तु इनकी हर कोशिश के बाद भी सभी 10 वर्षों के प्दबवउम ज्ंग के मामलों में अंतिम अदालत तक ने यही निर्णय लिया कि सुश्री मायावती जी के खाते में जमा एक-एक पैसा सही है यानी कि हमदनपदम है। परन्तु इसके बाद भी ब्ठप् ने केन्द्र सरकार के दबाव में आय से अधिक के गलत मामले को ना तो वापस लिया और ना ही समाप्त किया।
आज मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में ब्ठप् के इस पूरे कार्य को गैर कानूनी करार करते हुए थ्प्त् को ुनंेी खारिज, करते हुए सुश्री मायावती जी को ‘‘न्याय‘‘ दिलाने का कार्य किया, जिसके लिए हम मा. सर्वोच्च न्यायालय के अति आभारी हैं ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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