ऽ कहीं -कहीं घण्टो तो कहीं थोड़े समय ही बारिष हुई।
आखिर इन्द्र देव की कृपा दृष्टि हो ही गई। किसान इन्तजार करते -करते थक गये कि कब बारिष हो और धान की रोपाई हो। मायूस हुए किसानों के खिले हुए चेहरे देखने को मिले। आज दोपहर उमस भरी गर्मी से उस समय कुछ निजात मिली जब मौसम ने अपना रूख बदलते हुए आसमान में घने बादल को दिखाया और देखते ही देखते झमाझम बारिष ने स्थान ले लिया। वैसे कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बेरन की रोपाई देखी गई। परन्मतु इतनी बरसात होन से कुछ होन वाला नही है। यह कुछ किसानों को कहते सुना गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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