पुरावशेष एवंु बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 1972 का मुख्य उद्देश्य पुरावशेषों एवं बहुमूल्य कलाकृतियों का निर्यात, व्यापार विनियमित करने पुरावशेषों की तस्करी तथा उनमें कपट पूर्ण संव्यवहार के निवारण के लिए लागू किया गया है। इस अधिनियम के सहयोग से नागरिक अपने धरोहर व सम्पदा को सुरक्षित रखने का प्रयास कर सकते है।
पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम-1972 के अन्तर्गत कम से कम 100 वर्ष प्राचीन मूर्ति कला व शिल्पकारी, भवन या गुफा से प्राप्त कोई वस्तु, इतिहासिक महत्व की कोई ऐसी वस्तु जिसे केन्द्र सरकार ने अधिनियम के प्रयोजनार्थ पुरावशेष घोषित किया है तथा 75 वर्षो से विद्यमान चित्रित पाण्डुलिपि का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन धारा-14 के अन्तर्गतम किये जाने का प्राविधान है।
पुरावशेषों एवं बहुमूल्य कलाकृतियों जिनमें प्रधानतः मूर्तिया (खण्डित अथवा सम्पूर्ण, चित्रित पाण्डुलिपियों अथवा पुरातात्विक महत्व की कोई अन्य वस्तु) का रजिस्ट्रेशन किये जाने हेतु निर्धारित प्रपत्र पर रजिस्ट्रेशन योग्य वस्तु की क्वाटर साइज में तीन प्रतियांे में छायाचित्र के साथ रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति झांसी क्षेत्र, राजकीय संग्रहालय परिसर, झांसी को प्रस्तुत किया जायेगा। रजिस्ट्रेशन के उपरान्त धारक को प्रमाणित छायाचित्र के साथ प्रमाण -पत्र उपलब्ध कराया जायेगा। जिसमें रजिस्ट्रीकृत वस्तु का वितरण उपलब्ध होगा।
रजिस्टर्ड वस्तुएं धारकों के पास ही रहेंगी और उसकी सुरक्षा का दायित्व भी उन्ही का होगा। अधिनियम की विस्तृत जानकारी व उपरोक्त रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही हेतु कोई भी धारक डा0 ए0पी0 गौड,रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति, राजकीय संग्रहालय परिसर, झांसी से दूरभाष संख्या- 9415140460 पर सम्पर्क कर सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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