हरदोई पिहानी कटरा बाजार निवासिनी सरोज सिंह के साथ विधाता ने कैसा क्रूर मजाक किया पति एवं पंाच बच्चों के परिवार में कोई नहीं बचा अचानक मौत से उनकी आंखे पथरा गई पुत्र के शव के पास में बैठी शून्य आंखो में सबको देख रही हैं चेहरे पर खामोशी है बस एकटक निहारे जाती क्योंकि 10वर्ष पहले बड़ा पुत्र इन्द्रजीत(30) आठवर्ष पूर्व दूसरा पुत्र नन्हू(28) की लाश गर्रा नदी में मिली दो वर्ष पूर्व पति महेन्द्र चले गये अगले दिन सुबह ही उनके अगले पुत्र वीरू की मौत हो गयी उसके एक माह के अन्तर 17वर्षीय पुत्र करन की मौत हो गयी इन मौतों ने उन्हें तोड़कर रख दिया यही है काल की बिडम्बना भरा पूरा परिवार काल के गाल में समा गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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