जल निगम का एक कम्प्यूटर आॅपरेटर भी करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक हो सकता है। यकीन नहीं होता न। चकित कर देने वाली इस बात का दावा किया है मूल रूप से मथुरा के रहने वाले अधिवक्ता तेजवीर सिंह ने। तेजवीर ने यह प्रकरण लोकायुक्त के समक्ष भी रखा है।
मूल रूप से मथुरा के रहने वाले तेजवीर सिंह लखनऊ में अधिवक्ता हैं। तेजवीर ने गुरूवार को प्रेस वार्ता में एक ऐसा खुलासा किया है जिसे सुनकर कोई भी हैरात में पड़ जाए। उन्होंने मथुरा जल निगम के सेवानिवृत्त कम्प्यूटर आॅपरेटर जयन्ती प्रसाद अग्रवाल पर निगम के करोड़ों रूपयों के गबन का आरोप लगाते हुए उनके पास आए से अधिक सम्पत्ति होने का दावा किया है। तेजवीर का कहना है कि जयन्ती अग्रवाल के पास पांच सौ करोड़ की अकूत सम्पत्ति है। तेजवीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जयन्ती ने यह अकूत सम्पत्ति अपने पद का दुरूोपयोग कर व राजनैतिक संबंधों के बल पर अर्जित की है। जयन्ती के पास आधा दर्जन से अधिक लग्जरी गाडि़यां व करोड़ों की जमीनें हैं। साथ ही उनके करीबियों के पास लाइसेंसी हथियार होने की भी बात बतायी जा रही है जिनका दुरूपयोग कर वह जनता में अपना भय व्याप्त करते हैं। साथ तेजवीर का आरोप है कि जयन्ती अपनी इस अकूत सम्पत्ति को अपनी पत्नी, पुत्रों व करीबियों के नाम से निवेश कर रहे हैं जिससे वह इस प्रकरण से बच सकें। पूर्व सरकार में कृषी मंत्री के मद्द से जयन्ती ने शिवा एसोसिएट्स, आकाश दीप कंस्ट्रक्शन कम्पनी आदि के नामों से निर्माण कार्यों का ठेका लिया था जिसमें फर्जी एफ.डी.आर. लगाकर उन्होंने करोड़ों रूपयों का गबन किया था। तेजवीर ने यह प्रकरण लोकायुक्त के संज्ञान में डालने के लिए उन्हें एक पत्र प्रेषित किया है। तेजवीर ने प्रकरण की जांच करने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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