राज्य सरकार खराब विद्युत व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रही है
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि विधानमण्डल क्षेत्र विकास निधि से 20 लाख रूपये तक विधायकों के लिये वाहन खरीदने की घोषणा को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि विधायकों को क्षेत्रीय जनता की समस्याओं के समाधान के लिये रात-दिन भ्रमण करना पड़ता है। कई ऐसे विधायक भी हैं, जो काफी दिनों से वाहन नहीं खरीद पाये और वे पुराने वाहनों से अपना काम चलाते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो वाहन खरीदने की स्थिति में नहीं है। इससे क्षेत्र में उनका भ्रमण भी प्रभावित हो सकता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए कल उक्त निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि यह सुविधा स्वैच्छिक होने के अलावा 05 वर्ष में एक बार के लिये ही विधायकों को दी गयी थी, जिसे अब वापस ले लिया गया है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर मीडिया से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्षी दलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यदि उनके सुझाव अच्छे एवं व्यवहारिक हैं, तो सरकार को इसे मानने में कोई दिक्कत नहीं है।
प्रदेश में विद्युत व्यवस्था की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि यह संकट पिछली सरकार की देन है। वर्तमान सरकार ने खराब विद्युत व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये 03 माह में कई निर्णय लिये हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में खराब गुणवत्ता के ट्रांसफाॅर्मर खरीदे गये, पिछले तीन माह में गोरखपुर में लगभग 700, बहराइच में 80 तथा लखनऊ में भी 700 ट्रांसफार्मर अबतक जल चुके हैं। खराब गुणवत्ता के ट्रांसफार्मरों की आपूर्ति कर्ताओं एवं उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। खराब गुणवत्ता के मीटरों की आपूर्ति के लिये जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सब-स्टेशन एवं उत्पादन इकाईयों के स्तर पर खराब गुणवत्ता के सामानों की आपूर्तिकर्ताओं तथा जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत वितरण व्यवस्था सुधारने के लिये भी उनकी सरकार कदम उठा रही है। लखनऊ नगर में विद्युत आपूर्ति में कोई कटौती न होने के बावजूद, वितरण की व्यवस्था सुदृढ़ न होने के कारण विद्युत अनापूर्ति की शिकायतें मिल रहीं हैं। इन खामियों को जल्दी दूर करने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य में बिजली उत्पादन के लिये प्लांट लगाने हेतु राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जल आधारित विद्युत उत्पादन की संभावना न होने के कारण कोयले तथा सोलर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के साथ-साथ कूड़े से भी उत्पादन के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार ने चीनी मिलों को को-जनरेशन करने की इजाजत दी थी। फलस्वरूप इस समय 900 मेगावाॅट विद्युत उत्पादन को-जनरेशन के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार चीनी मिलों के को-जनरेशन के माध्यम से विद्युत उत्पादन बढ़ाने पर भी काम कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि पिछली बसपा सरकार में लगभग सभी विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त था। इससे जुड़े घोटालों की जांच की जायेगी, लेकिन वर्तमान सरकार राज्य को आगे बढ़ाने के लिये भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने विद्युत विभाग में लगभग लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का घाटा छोड़ा है। उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन की साख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोई बैंक पिछली सरकार में कार्पोरेशन को ऋण देने के लिये तैयार नहीं था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब कार्पोरेशन की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिये प्रयास कर रही है। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्षा शीघ्र होगी, लेकिन किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था हेतु प्रबन्ध किये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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