आम जनता घर से ही अपनी शिकायत इन्टरनेट के माध्यम से दर्ज कर
यूनीक कोड के माध्यम से अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही अथवा
जाॅंच की प्रगति को समय-समय पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे-जावेद उस्मानी
पुलिस स्टेशनों एवं विवेचनाओं की आॅनलाइन मानीटरिंग
वरिष्ठ अधिकारीगणों को करने सुविधा होगी-मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्त पोषित 113.78 करोड़ रुपये की ‘क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम’ परियोजना को आगामी मार्च, 2014 तक समस्त प्रदेश में लागू करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त पुलिस थानों एवं पुलिस कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण कर आपस मंे नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु लगभग 62,420 पुलिस कर्मियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जायेगा। परियोजनान्तर्गत विगत दस वर्षाें का डाटा डिजिटाइज भी कराया जायेगा। इस परियोजना से आमजन को घर से ही शिकायत दर्ज करने की सुविधा मिलने के साथ-साथ अपराध एवं अपराधियों के बारे में गोपनीय सूचनायें कम्प्यूटर के माध्यम से ही देने की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि आमजन को चरित्र सत्यापन, शस्त्र लाइसेन्स हेतु आवेदन, नवीनीकरण, पासपोर्ट सत्यापन, किरायेदारों का सत्यापन, एफ0आई0आर0 सहित अन्य शिकायते यातायात संबंधी समस्याएं आदि का आवेदन कम्प्यूटर/इन्टरनेट के माध्यम से करने की सुविधा घर बैठे उपलब्ध होगी। उक्त कार्य के लिए आम जनता को थाने जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम परियोजना की स्टेट एपेक्स कमेटी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी क्षेत्र के अपराध एवं अपराधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे अपराध नियंत्रण एवं विवेचना में गति आयेगी। उन्हांेने कहा कि वरिष्ठ अधिकारीगण पुलिस स्टेशनों एवं विवेचनाओं की आॅनलाइन मानीटरिंग कर सकेगें। उन्होंने कहा कि यह परियोजना लागूू होने से मैनअुल कार्य में कमी आयेगी तथा डुप्लीकेट कार्य की आवश्यकता नहीं होगी। थानों के रजिस्टर स्वतः बन जायेगें। कोई भी रिपोर्ट तत्काल प्राप्त करने की सुविधा आम नागरिक को उपलब्ध होगी।
श्री उस्मानी ने कहा कि पुलिस विभाग के कार्याें में पारदर्शिता लाने हेतु पुलिस स्टेशनों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों में कम्प्यूटर एवं सहवर्ती उपकरणों उपलब्ध कराकर सभी कम्प्यूटरों को नेटवर्किंग से जोड़ा जायेगा। उन्हांेने कहा कि समस्त पुलिस स्टेशनों पर एक-एक जनरेटर की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के सफल क्रियान्वयन हेतु एक वर्कशाॅप का आयोजन भी कराया जाए। परियोजना लागू होने के पश्चात आम जनता घर से ही अपनी शिकायत कम्प्यूटर पर इन्टरनेट के माध्यम से दर्ज कर सकेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिकायत को एक यूनीक कोड रेलवे पी0एन0आर0 की तरह दिया जायेगा। उस कोड के माध्यम से वह अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही अथवा जाॅंच की प्रगति को समय-समय पर जानकारी प्राप्त कर सकेगे। उन्होंने बताया कि इस योजना मंे चरित्र सत्यापन, शस्त्र लाइसेंस, धरना प्रदर्शन की अनुमति के लिए आवेदन करने की आन-लाइन व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। इस योजना में डेटा फीडिंग थाने स्तर पर होगी एवं शिकायतकर्ता को एफ0आई0आर0 की कम्प्यूटरीकृत प्रतिलिपि भी प्राप्त होगी।
मुख्य सचिव ने बताया कि परियोजनान्तर्गत समस्त भारत की पुलिस एजेंसियों का एक वृहद नेटवर्क तैयार कर कम्प्यूटरीकृत साफ्टवेयर के माध्यम से सूचनाओं को बृहद् डाटाबेस में एकत्र कर आदान-प्रदान करने की योजना है। उन्होंने बताया कि थाने स्तर से पुलिस अधिकारियों तक नेटवर्किंग एवं इन्टरनेट की सुविधा प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस योजना को लागू करने के लिए एन0सी0आर0बी0, नई दिल्ली को नोडल एजेन्सी बनाया गया है, जो विप्रो कम्पनी के माध्यम से साफ्टवेयर (कोर एप्लीकेशन साफ्टवेयर) विकसित करा रहा है। इस साफ्टवेयर की उत्तर प्रदेश के 03 जनपदों गौतमबुद्धनगर, लखनऊ एवं वाराणसी में पायलेट टेस्टिंग करायी जा रही है। सफल पायलट होने के उपरान्त यह साफ्टवेयर सभी प्रदेशों को उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेशों को अपनी आवश्यकताआंे के अनुसार इस साफ्टवेयर में नये माड्यूल्स जोड़ने की छूट भी प्राप्त होगी।
बैठक में प्रमुख गृह, श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक, श्री ए0सी0 शर्मा, प्रमुख सचिव आई0टी0, श्री जीवेश नन्दन, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी शाखा,
श्री अरूण. कुमार, जी0एम0 टेलीफोन्स श्री सुनील परिहार, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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