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प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र मंे निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित कराकर बेहतर चिकित्सा सुविधा आमजनता को उपलब्ध कराने हेतु गम्भीरता से विचार करें - मुख्य सचिव

Posted on 03 July 2012 by admin

  • नियत समय एवं उचित दाम में उच्च तकनीक युक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु पी0पी0पी0 माॅडल का प्रयोग पारदर्शिता के साथ करने हेतु एक नीति बनानी होगी-जावेद उस्मानी
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता संबंधी नीति निर्धारण पर एक-दिवसीय परामर्शीय कार्यशाला का आयोजन

cs-photo-03-07-2012उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र मंे निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित कराकर आमजनता बेहतर चिकित्सा सुविधा को उपलब्ध कराने हेतु गम्भीरता से विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता हेतु पहला कदम है परन्तु जनमानस को उच्च तकनीक की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पारदर्शिता के साथ वर्तमान समय में लागू करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए आर्थिक सेक्टर के साथ-साथ सामाजिक सेक्टर में भी सहभागिता सुनिश्चित करानी होगी। उन्होंने कहा कि नियत समय एवं उचित दाम में उच्च तकनीक युक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु पी0पी0पी0 माॅडल का प्रयोग पारदर्शिता के साथ करने हेतु एक नीति बनानी होगी।
मुख्य सचिव आज होटल ताज में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उ0प्र0 हेल्थ सिस्टम स्ट्रेन्थनिंग परियोजना एवं विश्व बैंक द्वारा प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता संबंधी नीति निर्धारण पर एक-दिवसीय परामर्शीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा शासकीय एवं निजी क्षेत्र के समन्वय से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला मंे पी0पी0पी0 के स्वरूप अन्य प्रदेशों में पी0पी0पी0 माॅडल लागू होने की अनुभवों पर विचार-विमर्श के दौरान नई जानकारी प्राप्त होगी।
श्री उस्मानी ने कहा कि निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु शुल्क का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा तथा बेहतर सेवा निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र को प्रदान करनी होगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को बांटकर निजी क्षेत्र की संस्थाओं से प्रतिस्पद्र्धा के माध्यम से उपयोग किया जा सकेगा। उन्होेंने कहा कि पी0पी0पी0 माॅडल से निजी क्षेत्र की क्षमता एवं उनकी धनराशि का उपयोग बेहतर चिकित्सा सेवा के लिए किया जा सकता है।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ मिलकर निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को उत्तम बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में उद्देश्य की पूर्ति करने हेतु निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की सहभागिता समय की मांग है।
कार्यशाला में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर,
डाॅ0 समित शर्मा, ए0एम0एस0 कंसल्टिंग (पी0) लिमिटेड के निदेशक, श्री ए0के0 द्विवेदी, टीम टास्क लीडर, वल्र्ड बैंक, श्री विक्रम राजन, परियोजना निदेशक, यू0पी0एच0एस0एस0पी0, श्री मुकेश मेश्राम ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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