108 अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकासखण्डों में रिचार्ज सम्बन्धी हाइड्रोजियोलाॅजिकल मानक एवं तकनीकी गाइड लाइंस के अनुसार कार्यवाही तुरन्त प्रारम्भ करने हेतु जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में भू-जल संवर्धन कोर टीम का गठन
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि भू-जल प्रबन्धन, वर्षां जल संचयन एवं भू-जल रिचार्ज की समेकित कार्य योजना अनुभवी विशेषज्ञों का सहयोग लेकर शीघ्र बनायी जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्य योजना पायलेट के रूप में फिलहाल 05 जनपदों में लागू करने हेतु वर्कशाप भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि वर्षां जल संचयन एवं भू-जल रिचार्ज की समग्र नीति के निर्धारण के दायित्व हेतु भूगर्भ जल विभाग नोडल एजेन्सी के रूप में काम करेगी। उन्होंने 108 अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकासखण्डों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी अध्यक्षता में चिन्हित कार्यदायी विभागों एवं संस्थाओं आदि के भिज्ञ अधिकारियों की एक भू-जल संवर्धन कोर टीम का गठन तत्काल कर रिचार्ज सम्बन्धी हाइड्रोजियोलाॅजिकल मानक एवं तकनीकी गाइड लाइंस के अनुसार कार्यवाही तुरन्त प्रारम्भ कर दें।
मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय के सभागार कक्ष में आज जल संचयन एवं भूगर्भ रिचार्ज बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन विकासखण्डांे में भूगर्भ जल उपलब्धता की संकटाकीर्ण स्थिति को वर्षां जल संचयन एवं रिचार्जिंग योजनाओं को विरचित कर प्राथमिकता से क्रियान्वित करायी जाए।
श्री उस्माीन ने कहा कि योजना में जलवायु परिवर्तन की भावी चुनौती को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रवार भू-जल संरक्षण की अन्य सम्भावनाओं एवं उपायों का आंकलन कर उनका भी समावेश किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन की सहभागिता सुनिश्चित कराये जाने के साथ-साथ जनजागरूकता को एक सतत् अभियान के रूप में चलाया जाए। उन्होंने कहा कि गिरते भू-जल स्तर की समस्या के प्रभावी निदान हेतु विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं भूगर्भ जल रिचार्ज कार्यक्रमों में तेजी लायी जाए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रवीर कुमार, सचिव लघु सिंचाई,
श्री मनोज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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