तम्बाकू मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाने हेतु , शीघ्रताशीघ्र वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक होगी-जावेद उस्मानी
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि तम्बाकू का सेवन एक गम्भीर समस्या है जिसकीे रोकथाम के लिए गम्भीरता से प्रयास सभी को करना होगा। उन्होंने तम्बाकू मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई जायेगी, जिस पर व्यापक विचार-विमर्श करने हेतु शीघ्रताशीघ्र वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित होगी। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह, कर निबन्धन एवं अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए कि तम्बाकू सेवन नियंत्रण के बारे में विभागवार विस्तृत योजना बना कर प्रस्तुत करें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कैम्पेन आॅफ टोबेको फ्री किड्स पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर, दिल का दौरा, पक्षाघात एवं फेफड़े की घातक बीमारियां होती हैं, जिसको रोकने के लिए सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नवयुवकों को शिक्षा के माध्यम से तम्बाकू सेवन से रोकने के लिए शिक्षित करने की आवश्यकता है।
बैठक में बताया गया कि 2010 में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार (ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे-2010) साढ़े चार करोड़ लोग उत्तर प्रदेश में तम्बाकू का सेवन करते हैं। मुख्यतया तम्बाकू का सेवन गुटखा के रूप में होता है जिसमें उत्तर प्रदेश पूरे भारत में पांचवे स्थान पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध के आधार पर यह सिद्ध हो चुका है कि हर तीसरा तम्बाकू खाने वाला व्यक्ति कैंसर, दिल का दौरा, पक्षाघात एवं फेफड़े की घातक बीमारियों से असामयिक मृत्यु को प्राप्त करता है।
टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल के कैंसर सर्जन डाॅ0 पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि डब्लू0एच0ओ0 के अनुमान के अनुसार करोड़ों उत्तर प्रदेश वासियों की जिन्दगी को खतरा है, जिसका तम्बाकू पर प्रतिबन्ध के माध्यम से निजात पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों पर सरकार का हजारों करोड़ रुपया खर्च हो रहा है। यह सिद्ध हो चुका है कि तम्बाकू से होने वाला आर्थिक नुकसान राजस्व की तुलना में 10 गुना ज्यादा होता है। मध्य प्रदेश, बिहार और केरल सरकार ने गुटखे के ऊपर प्रतिबन्ध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तम्बाकू पर लगा हुआ कर बहुत ही कम है। उदाहरण के लिए राजस्थान में तम्बाकू के ऊपर कर 50 प्रतिशत है एवं उत्तर प्रदेश में 18.5 प्रतिशत है।
डाॅ0 चतुर्वेदी ने बताया कि टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल मुम्बई में हर तीसरा मुख कैंसर का मरीज उत्तर प्रदेश से आता है। यह कैंसर जो पहले 50 वर्ष की आयु के बाद होता था, आज वो 20-25 साल की उम्र के लोगों में भी देखा जा सकता है। इसका मुख्य कारण है, बच्चों में बढ़ती हुई गुटखा खाने की पृवत्ति।
विभिन्न राज्यों में तम्बाकू के ऊपर नियंत्रण के अनुभवी संजय सेठ (सी0टी0एफ0के0) ने बिहार, कर्नाटक, केरल के उदाहरण देकर नीतियों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में तम्बाकू से हुए कैंसर पीडि़तों ने भी अपना-अपना पक्ष रखते हुए वाॅयस आॅफ विक्टिम्स अभियान के अन्तर्गत नीति निर्धारकों से तम्बाकू के ऊपर रोकथाम लगाने की बात कही।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह, श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव कर निबन्धन,
श्री वीरेश कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, श्री जे0पी0 शर्मा, सचिव माध्यमिक शिक्षा, श्री पार्थसारथी सेन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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