भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के गेहूॅ खरीद नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि तत्काल गेहूॅ खरीद बंद किए जाने का आदेश वापस लेकर किसानों के गेहूॅ खरीद की व्यवस्था करें। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री को चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाते हुए कहा कि किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने का वादा किया गया था। स्थिति यह है कि किसान को अपने ही अनाज को आग लगानी पड़ रही है । आखिर क्यो ?
राज्य मुख्यालय पर आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकार की गेहूॅ खरीद नीति अफसरशाही के कुप्रबंधन की भेट चढ़ गयी। किसान बेहद परेशान है। पहले रमाबाई नगर , फिर बांदा और अब हाथरस मे किसान ने गेहॅू न बिक पाने के कारण उसमे आग लगा दी। सरकारी प्रवक्ता द्वारा गेहूॅ जलाने की घटना को षडयंत्र बताना संवेदनहीनता की परकाष्ठा है। किसानों द्वारा गेहूॅ खरीद न हो पाने के कारण उसमे आग लगाने की घटना प्रदेश सरकार के माथे पर कलंक है।
उन्होंने कहा कि अपने औचक निरिक्षण के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ गेहूॅ खरीद मे हो रही धांधलियों को देखा , मंत्रियो से जो औचक निरिक्षण कराया उसमे भी विभिन्न स्थानों पर शिकायत दिखी। उन्होने स्वयं खरीद और गेहूॅ भण्डारण पर समय-समय पर कडे निर्देश भी जारी किए। किन्तु कुप्रबंधन के कारण अत्यन्त अल्प वारिश में अनाज भीगा। सरकार के कडे तेवरो के बाद भी लापरवाही हुई है। यहाॅ तक कि न्यायलय को संज्ञान मे लेकर आदेश देना पड़ रहा है। जो काम सरकार को करना चाहिए था, उसके लिए न्यायालय को निर्देश देने पडे।
श्री पाठक ने कहा कि जिस प्रकार 7 बजे के बाद माल और बाजारों को बिजली न दिये जाने के आदेश अफसरशाही ने कराये और जन दबाव तथा जनभावना का आदर करते हुए सरकार ने अपने ही लिए फैसलें को पलटा। मुख्यमंत्री किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं। गेहूॅ खरीद के प्रकरण को सरकार शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए आदेश निर्गत कराये कि किसानोे के हित मे जब तक किसान गेहॅू बेचना चाहे गेहॅू खरीदा जायेगा। इससे सरकार की मूल भावना किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने की मंशा भी पूरी होगी तथा दुखी होकर जो किसान अपने ही अनाज को आग लगा रहे है वह रूकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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