भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश मे डा0 श्यामप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें याद किया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने श्री मुखर्जी के सिद्धांत अखण्ड भारत की अवधारणा पर जोर देते हुए उनके विचारों पर भी चलने का आवाहन किया।
आज पूरे प्रदेश भर मे श्याम प्रसाद मुखर्जी के बलिदान पर उन्हे याद किया गया। प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी जहाॅ मेरठ भाजपा कार्यालय पर थे वही प्रदेश मुख्यालय मे प्रदेश महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार, प्रदेश प्रवक्ता हरद्वार दुबे, विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, प्रदेश कार्यालय प्रभारी भारत दीक्षित , चै0 लक्ष्मण सिंह , अनूप गुप्ता, नीरज सक्सेना, राजकुमार, हीरो बाजपेयी , महाराजगंज मे समीर सिंह, हरदोई(सण्डीला) मे प्रदेश महामत्री राकेश जैन, गोण्डा मे जिला संयोजक पियूष मिश्रा, फैजाबाद मे जिला संयोजक ओमप्रकाश सिंह, सीतापुर मे जिला संयोजक साकेत मिश्रा, अम्बेडकरनगर मे जिला संयोजक रमाशंकर सिंह, श्रावस्ती मे जिला संयोजक रामफेरन पाण्डेय, बलरामपुर मे जिला संयोजक चन्द्रप्रकाश सिंह, बहराइच मे जिला संयोजक चन्द्रभान सिंह , आगरा महानगर व जिला मे पुरूषोत्तम खण्डेलवाल व अशोक राणा, अलीगढ़ , बरेली, शाहजहांपुर मे सुरेश खन्ना व वीरेन्द्र सिंह यादव व मैनपुरी मे जिला संयोजक मदन चैहान , आदि ने डा0 मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
पश्चिम क्षेत्र मे डा0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर गाजियाबाद जिला और महानगर, पंचशीलनगर , मुरादाबाद जिला व महानगर , भीमनगर, मेरठ जिला व महानगर, सहारनपुर जिला व महानगर, मुजफ्फर नगर , प्रबुद्ध नगर, बागपत , जे0पी0नगर, नोएडा महानगर तथा रामपुर मे डा0 मुखर्जी के व्यक्तित्व तथा क्रितृत्व पर आज संगोष्ठी आयोजित की गई।
श्री बाजपेयी ने कहा कि डा0 मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर के भारत मे पूर्ण विलय के लिए बलिदान दिया। परमिट प्रणाली का विरोध करते हुए वे बिना अनुमति वहाॅ गये और वही उनका प्राणान्त हुआ। उनकी पूण्यतिथी पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा 33 वर्ष की अल्प अवस्था मे ही कलकत्ता विश्व विद्यालय के उपकुलपति रहे, डा0 मुखर्जी ने ’एक देश मे दो विधान दो प्रधान दो निशान नही चलेगी ’ का नारा दिया। डा0 मुखर्जी ने जम्मू जाने से पूर्व रक्षा मंत्री से पत्र द्वारा परमिट के औचित्य के बारे मे पूछा पर उन्हे कोई उत्तर नही मिला। इस पर उन्होंने बिना परमिट वहाॅ जाने की घोषणा की । वे वहाॅ गए जहाॅ उनका प्राणान्त हुआ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डा0 मुखर्जी को पंडित नेहरू ने अंतरिम सरकार मे उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप शामिल किया था। डा0 मुखर्जी ने लियाकत अली खान के साथ दिल्ली समझौते के मुद्दे पर 6 अप्रैल 1950 को मंत्रीमण्डल से त्याग पत्र दे दिया। 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली के भारतीय जनसंघ की नीव रखी गयी और वे उसके पहले अध्यक्ष बने। डा0 मुखर्जी ने तो भारत की एकता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। आज भारत के जन-जन का नारा है कि ” जहाॅ हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है ” ।आज भी जब जम्मू-कश्मीर की चर्चा होती है तो निश्चय ही भारत के इस मस्तक की रक्षा करने हेतू अत्मोत्सर्ग करने वाले डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिर स्मरणीय रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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