ऽ अध्यक्ष पद के 21 प्रत्याषी हैं चुनावी मैदान में
ऽ बागी प्रत्याषी कांग्रेस एवं भाजपा का बिगाड़ रहे हैं समीकरण
ऽ निर्दलीय प्रत्याषी भी ठोक रहे हैं ताल
ऽ अध्यक्ष पद की प्रत्याषी मुन्नी किन्नर के पक्ष में बढ़ रहा है मतदाताओं का रूझान
नगर पालिका चुनाव के नाम वापसी के दिन 27 में 6 प्रत्याषियों ने अपना नाम वापस ले लिया था। वर्तमान में 21 प्रत्याषी चुनाव में अपनी ताल ठांेक रहे हैं। पूर्व घोषित कोंग्रेस प्रत्याषी के रूप में नामांकन कर चुके पार्टी के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राधे रमण मिश्र वैद्य पार्टी प्रत्याषी के राह का काॅटा बने हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याषी कामरान जफर के लिए जीत की राह आसान नहीं हैं। डा0 मकसूद सरदार भी उनके राह का रोड़ा बने हुए हैं। भाजपा प्रत्याषी एवं निवर्तमान चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल को पार्टी के ही पूर्व चेयर मैन षिव कुमार अग्रहरि तथा पार्टी की जिला उपाध्यक्ष रही भावना सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही है। हालाकि बागी प्रत्याषी के रुप में पर्चा दाखिल कर चुके पूर्व चेयर मैन भोला नाथ अग्रवाल तथा वरिष्ठ भाजपाई गोवर्धन कनौडिया नक अपना नाम वापस लेकर पार्टी प्रत्याषी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। पूर्व पालिका अध्यक्ष सैयय्द रहमान मानू की बेगम साहिबा नसीम बानों भी पीस पार्टी का चुनाव निषान छत का पंखा लेकर इस भीषण गर्मी में मतदाताओं को राहत देने का आष्वासन दे रही हैं। भाजपा नेताओं में आपस में आपस में मची घमासान को मतदाता सतर्क निगाहों से टकटकी लगाये देख रहे हैं। निर्दल प्रत्याषी डा0 डी0 एस0 मिश्रा नगर क्षेत्र में कुकुरमुत्तों की तरह उगे नर्सिंग होमों के डाक्टरों व मरीजों के बल पर चुनावी वैतरणी पार करने का विष्वास पाले हुए हैं। निर्दल प्रत्याषी षैलेन्द्र षुक्ला भी अल्पसंख्यक वर्ग के निचले तबके,नगर के खटिक बिरादरी तथा ब्राह्मण मतदाताओं के साथ होने का जहाॅ दम भर रहे हैं। वहीं व्यापारी नेता रवीन्द्र त्रिपाठी नगर के व्यवसायियों के भरोसे अपने को जीता हुआ मान रहे हैं। नगर पालिका परिषद क्षेत्र के मतदाता वुद्धिजीवी की श्रेणी में आते हैं। अधिसंख्य मतदाताओं से चर्चा के दौरान जो बात उभर कर आई कि अब जितने भी अध्यक्ष हुए हैं सभी ने नागरिकों के हित में काम कम तथा अपनी तिजोरी भरने का अधिक काम किया है। इस लिए अधिकतर मतदाताओं ने मुन्नी किन्नर के पक्ष में मतदान करने की बात बतायी। चुनाव क्षेत्र में उतरे लगभग सभी प्रत्याषी नगर पालिका की कुर्सी पर गिद्ध दृष्टि जमाये हुए हैं। कुल मिला कर यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस पार्टी अथवा निर्दल प्रत्याषी के सिर पर जीत का सेहरा बॅधेगा । राष्ट्रीय दलों के बागी प्रत्याषिंयों ने जहाॅ अधिकृत प्रत्याषियों के नाक में दम कर रखा है। वहीं निर्दल प्रत्याषी भी किसी से कम नहीं हैं। देखना यह है कि समय का ऊॅट किस करवट बैठता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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