समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि किसानों, मजदूरों और गरीबों के हितों के लिए समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता असंदिग्ध रही है। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी सरकार चुनाव घोषणा पत्र के वायदों को त्वरित गति से लागू करने में लगी है। सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर समाज के सभी वर्गो को राहत देने का प्रयास किया है। जनता ने देखा है कि अपने वायदों को निभाने की कला सिर्फ समाजवादियों को ही आती है।
समाजवादी पार्टी यह मानती है कि किसान की समृद्धि से ही प्रदेश-देश की तरक्की होगी। किसान की लागत में 50 प्रतिशत अधिक जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होना चाहिए। केन्द्र सरकार से किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी ने बराबर संघर्ष किया। उसकी सरकार बनी तो गेहूॅ के समर्थन मूल्य में 165 रूपए प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी की गई है। समाजवादी पार्टी सरकार ने गेहूॅ का समर्थन मूल्य 1120 रूपए से बढ़ाकर 1285 रूपए कर दिया। गेहूॅ के बाद धान किसानों को राहत देने के लिए समाजवादी पार्टी सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 170 रूपए प्रति कुंतल की वृद्धि कर दी है। इससे किसान को काफी लाभ है।
गन्ना किसानों के बकाया की समस्या बहुत गम्भीर रही है। बसपा सरकार ने किसानों का पांच साल तक शोषण किया और उन्हें हर तरह से प्रताडि़त-अपमानित करने का काम किया। मिल-मालिकों के स्वार्थ साधन में किसानों के हितों की उपेक्षा की गई। गन्ना किसानों को अपनी फसल तक जला देनी पड़ी। मिलों ने समय से गन्ना पेराई भी नहीं की। अभी भी निजी और सहकारी चीनी मिलों पर किसानों के करीब 3064 करोड़ रूपए बकाया हैं। इसमें से निजी मिलों पर 2521 करोड़ और सहकारी मिलों पर 543 करोड़ बकाया है। सरकार ने 2011-12 पेराई सत्र में 3,000 करोड़ रूपए से अधिक एरियर भुगतान का नोटिस जारी किया है। समाजवादी पार्टी ने सदैव गन्ना किसानों के हितों की चिन्ता की है।
प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत काम करनेवाले अकुशल श्रमिकों की मजदूरी 125 रूपए करने का आदेश भी जारी कर दिया है। सभी जिलाधिकारियो, सीडीओ आदि को अब बढ़ी मजदूरी देने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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