- स्वैच्छिक रक्तदान के वर्तमान प्रतिशत 70 को बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक प्राप्त करने का लक्ष्य - प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
- चिकित्सालयों में स्थापित रक्त कोषों में प्रत्येक माह की पहली एवं 15 तारीख को रक्तदान का आयोजन ही नहीं बल्कि नियमित रूप से निरन्तर रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को विभिन्न अवसरों पर सम्मान भी - आशीष कुमार गोयल
- विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर अनेक रक्तदाता सम्मानित
- रक्तदाता मोबाइल वैन रक्तदान हेतु रवाना
उत्तर प्रदेश के प्रमुख चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष मंे स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने हेतु नाको, भारत सरकार द्वारा 1968 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के वर्तमान प्रतिशत 70 को बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक प्राप्त करने का लक्ष्य है। उन्हांेने बताया कि प्रदेश में ब्लड कम्पोनेन्ट मात्र 40 प्रतिशत ही बनाये गये हैं, जिसको बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया जाना है। उन्होंने कहा कि अवशेष जनपदों में ब्लड बैंकों की स्थापना शीघ्र अतिशीघ्र करायी जायेगी।
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आज बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ में आयोजित वृहद रक्तदान शिविर एवं स्वैच्छिक रक्तदान संगोष्ठी में प्रमुख सचिव अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रक्त कोषों की कार्य क्षमता के अनुसार नये उपकरणों की आपूर्ति एवं प्रदत्त उपकरणों के रख-रखाव हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि रक्त कोषों में रक्त एवं रक्त उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु समय-समय पर रक्त कोषों में कार्यरत मानव संसाधनों को प्रशिक्षण नियमित रूप से दिलाया जाये।
परियोजना निदेशक राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी श्री आशीष कुमार गोयल ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 206 रक्त कोष स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि जागरूक मतदाताओं तथा एन0जी0ओ0 का सहयोग लेकर रक्तदान का सपना पूरा कराया जा सकता है, जिसके लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान सामाजिक पुण्य का काम है, जिसमें भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु हर व्यक्ति को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ एवं आई0एम0एस0बी0एच0यू0, वाराणसी को 02 स्टेट आफ आर्ट ब्लड मोबाइल वाहन भी उपलब्ध कराये गये हैं, जिसमें एक साथ 04 रक्तदाता रक्तदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रक्त कोषों में ब्लड बैंक एवं जांच हेतु जांच किट्स की आपूर्ति निरन्तर हो रही है।
श्री गोयल ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने हेतु समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाओं एवं गतिविधियों का आयोजन विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय संगठनों का सहयोग लेकर कराया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की पहली एवं 15 तारीख को चिकित्सालयों में स्थापित रक्त कोषों में रक्तदान के आयोजन कराये ही नहीं जाते बल्कि नियमित रूप से निरन्तर रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को विभिन्न अवसरों पर सम्मानित भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि रक्तकोष मंे कार्यरत चिकित्सकों एवं लैब टैकनीशियनों की कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं।
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर अनेकों बार रक्तदान करने वाले सचिव, स्टाम्प रजिस्ट्रेशन श्री राजन शुक्ला, एस0जी0पी0जी0आई0 के श्री वी0के0सिंह सहित श्री जग्गी, श्री रमेश तेजवानी, श्री मनोज तेजवानी, श्री डी0के0सिंह, श्री आर0पी0मिश्रा, श्री एन0पी0मिश्रा, श्री अमित जैन, श्री रितेश टण्डन, श्री राकेश चतुर्वेदी महानुभावों सहित समाजसेवी संस्था संत निरंकारी मण्डल, रोटरी इण्टरनेशनल, रामस्वरूप इंजीनियरिंग काॅलेज, टेल्को के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया गया।
विश्व रक्तदाता दिवस पर मुख्य विकास अधिकारी श्री अदिति सिंह सहित अनेकों महानुभावों ने रक्तदान किया। कार्यक्रम के पूर्व प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री संजय अग्रवाल ने रक्तदाता मोबाइल वैन का अवलोकन कर रक्तदान हेतु रवाना किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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