मुख्यमंत्री ने की कुम्भ मेला-2013 की तैयारियों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि 14 जनवरी, 2013 से इलाहाबाद में शुरू होने वाले कुम्भ मेले का आयोजन इतना पुख्ता और सुव्यवस्थित किया जाए कि वह अनुकरणीय बन जाए। उन्होंने सेवा भाव और जिम्मेदारी से कुम्भ मेले को आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी तीर्थ यात्री या पर्यटक को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। काॅल सेन्टर और सूचना केन्द्र बनाए जाएं ताकि जानकारी के अभाव में किसी को भी किसी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने मेले मेें कानून व्यवस्था और सफाई पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज योजना भवन में कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्नान के लिए संगम पर नदियों में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। सीवेज की समस्या की शिकायत भी नहीं मिलनी चाहिए। मेले के दौरान उन औद्योगिक इकाइयों को बन्द कर दिया जाए, जिनसे पानी के प्रदूषण का खतरा बना रहता है। अर्द्धकुम्भ के दौरान 49 हजार क्यूसेक पानी लिया गया था, कुम्भ के लिए इसकी मात्रा को यथासम्भव बढ़ाया जाए।
श्री यादव ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन की आदर्श व्यवस्था करने के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। विश्व विख्यात कुम्भ मेले के आयोजन में प्रदेश के 10 विभागों की 133 परियोजनाएं लागू की जाएंगी, जिनके कुल 162 कार्य मेला स्थल पर किए जाएंगे। पिछला कुम्भ मेला 44 दिन का था लेकिन इस बार यह 55 दिनों का होगा। इस प्रकार 25 प्रतिशत अधिक कार्य और संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा और पिछले कुम्भ मेले से करीब 25 प्रतिशत ही अधिक तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में आने वाले लोगों की संख्या का सेटेलाईट के माध्यम से सही-सही अनुमान लगाया जाए और उसी के अनुसार परियोजनाओं का आकार तय किया जाए। उन्होंने इलाहाबाद के स्वरूप रानी अस्पताल की स्थिति को सुधारने के भी निर्देश दिए ताकि तीर्थ यात्रियों के इलाज में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेला स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर लगे हुए साइन बोर्ड के साथ-साथ आॅडियो-वीडियो सिस्टम लगाए जाएं, जिनसे उन लोगों को भी मेला स्थल की विभिन्न जानकारियां हर समय मिलती रहें, जो साइन बोर्ड पढ़ नहीं सकते। पार्किंग एवं सड़क जाम की समस्या न पैदा हो, इसके पक्के इन्तजाम करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्नान स्थल से पार्किंग तक आने-जाने के लिए बसें लगाई जाएं। उन्हांेने यह भी कहा कि मेले के दौरान बहुत बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होती है। बिजली की बचत करने के लिए एल.ई.डी. लाइट के प्रस्ताव पर गहनता से विचार किया जाए और जहां तक सम्भव हो कम लागत में अधिक से अधिक बिजली उपलब्ध कराई जाए। बैठक में उन्हें अवगत कराया गया कि एल.ई.डी. लाइट इकोफ्रैण्डली होती है और इसके इस्तेमाल से लगभग 80 प्रतिशत ऊर्जा की बचत भी होती है। उन्होंने मेले में 4-जी इन्टरनेट व्यवस्था लागू करवाने के प्रयास करने के भी निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में मौजूद नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खाँ ने सफाई और शौचालय की व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि पांच शौचालयों पर एक सफाईकर्मी तैनात किया जाए। कुम्भ में सफाई की व्यवस्था चिकित्सा विभाग से नगर विकास विभाग को स्थानान्तरित करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे बड़ी संख्या में मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि इलाहाबाद के चैराहों के सौन्दर्यीकरण में तेजी लाई जाए और निर्माणाधीन अलोपीबाग फ्लाई ओवर का कार्य प्रत्येक दशा में इस वर्ष नवम्बर तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से कहा कि सीवेज का कार्य भी दिसम्बर के बजाए नवम्बर तक प्रत्येक दशा में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान एक समय में लगभग 10 लाख तीर्थ यात्री और 10 हजार वाहन हर समय मौजूद रहते हैं। यह सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य है कि सड़क पर न तो जाम लगे और न ही आने-जाने में कोई असुविधा हो। संगम में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी सहायता कर्मी के रूप में लगाई जाए। उन्होंने मेला अधिकारी से कहा कि अगले सप्ताह वे ऐसे स्वयंसेवी संगठनों की बैठक कर लें, जो हर मेले में निःशुल्क अपने स्वयंसेवकों की सेवाएं देते रहे हैं। मेले में अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने मेला स्थल में बनने वाले अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए अभी से तैयारी शुरु करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने तमाम विभागों के समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि शेष कार्यों का जल्द ही सर्वे करा लिया जाए और उसी के अनुरूप परियोजना तैयार कर ली जाए। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले की तैयारियांे की पाक्षिक समीक्षा की जा रही है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र वाजपेयी ने पिछले कुम्भ की तर्ज पर ही टिहरी बांध तथा अन्य स्रोतों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही।
बैठक में अवगत कराया गया कि इस बार मेले में दो लाख वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। रीवा रोड से करैलाबाग 33 केवी पारेषण लाइन का सुदृढ़ीकरण और 50 परिवर्तकों की 250 केवीए से 400 केवीए क्षमता वृद्धि की जाएगी। 33/11 केवी के 5 नए विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण, 11/0.4 केवी के 400 केवीए तथा 250 केवीए के 50-50 उप केन्द्रों का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा जबकि 33 केवी के 32.36 किमी तथा 11 केवी के 40 किमी भूमिगत तारों को बिछाया जाएगा। इलाहाबाद की ओर आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर 3 प्रवेश द्वारों का निर्माण होगा और यमुना तट के 5 स्थानों पर घाट बनाए जाएंगे। इलाहाबाद के 20 चैराहों का सौन्दर्यीकरण भी किया जाएगा और 20 हाई मास्ट लगाए जाएंगे। 3 नए नलकूपों का निर्माण तथा 4 नलकूपों की री-बोरिंग की जाएगी। नवनिर्मित तथा पुरानी सड़कों को चैड़ा करने तथा उनके सुदृढ़ीकरण को मिलाकर कुल 324 किमी सड़कों पर कार्य किया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राकेश गर्ग, पुलिस महानिदेशक श्री अम्बरीष चन्द्र शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के प्रमुख, सचिव तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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