राष्ट्रीय निषाद संघ (एन.ए.एफ.) के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने अखिलेश यादव के 2012-13
के बजट भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहाकि समाजवादी सरकार का यह कैसा सामाजिक न्याय व मजाक
है कि मुसलमानों के लिए 3500 करोड़ से अधिक और निषाद, मछुआरों के लिए मात्र 7.5 लाख रूपये का बजट
दिया गया है। उन्होंने कहाकि मछुआ आवास योजना केन्द्र पुरोधानित योजना है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश सरकार
प्रति आवास 5000 रूपया माजिन मनी के तौर पर देती है तो केन्द्र सरकार 45000। अखिलेश यादव ने अपने बजट
भाषण में उ0प्र0 में 1500 मछुआ आवास बनाये जाने की घोषणा किये है, जिसके हिसाब से राज्य सरकार ने मछुआरों
के लिए मात्र 7.5 लाख रूपये की व्यवस्था किया जो इस समाज का अपमान व घोर सामाजिक अन्याय है। उ0प्र0
में 1.75 करोड़ से अधिक आबादी निषाद/मछुआ समुदाय की मल्लाह, केवट, माझी, बिन्द, धीवर, धीमर, रैकवार,
कहार, कश्यप, गोडिया, तुराहा, बाथम आदि की है, और 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनु0जाति में शामिल करने
के सवाल पर इस भोले-भाले समाज में समाजवादी पार्टी को सहयोग व समर्थन देकर स्पष्ट बहुमत की सरकार
बनवाया, परन्तु सत्ता मद में चूर सपा द्वारा अति पिछड़ी जातियों को सिरे से खारिज कर हर स्तर पर उपेक्षित किया
जाना शुरू कर दिया गया है।
श्री निषाद ने कहाकि जब-जब सपा की सरकार बनती है, कुछ जाति विशेष के लोगों को ही महत्व दिया
जाता है, इस बार तो सपा ने अतिपिछड़ों ही नहीं गैर यादव पिछड़ों की सामाजिक, राजनैतिक उपेक्षा की हद ही
पार कर दी है। पिछली मुलायम सरकार में सात कश्यप, बिन्द, निषादो को मंत्री बनाया गया था, परन्तु इस बार
एक मात्र शंखलाल माझी को राज्यमंत्री बनाकर इस समाज का राजनैतिक अपमान किया गया है और किसी भी गैर
यादव पिछडे़ को कैबिनेट में स्थान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहाकि चुनाव के समय मुलायम सहित समाजवादी
पार्टी के तमाम नेता वादा करते थे कि सरकार बनते ही निषाद, मल्लाह, केवट, राजभर, प्रजापति, बिन्द, कश्यप
आदि 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनु0जाति में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया जायेगा, परन्तु लाभ देना तो
दूर प्रदेश सरकार ने अभी तक केन्द्र सरकार को संस्तुति/प्रस्ताव ही नहीं भेजा है। उन्होंने कहाकि यदि मुलायम
वचन के पक्के है तो उ0प्र0 की विमुक्ति जातियों व 17 अतिपिछड़ी जातियों को पिछड़े वर्ग से अलग कर जनसंख्या
के अनुपात में अलग से अनु0जाति के समान आरक्षण की व्यवस्था करें, यदि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के
लिए अनु0जाति में शामिल करने की अधिसूचना जारी की गयी तो इन जातियों के साथ सामाजिक अन्याय,
विश्वासघात व घोखा होगा। उन्होंने कहाकि जो व्यक्ति राजनैतिक सम्मान जो मुलायम के बस का है, नहीं दे सकते
वह कहा से अतिपिछड़ों को सामाजिक न्याय देगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से विमुक्त जातियों व अतिपिछड़ी जातियों
को महाराष्ट्र पैटर्न पर आरक्षण देने तथा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने की मांग की है। आगामी 20 जून,
2012 को विधानसभा आरक्षण व मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने की मांग को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन किया
जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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