भारतीय जनता पार्टी ने निजी कंम्पनियों के साथ बिजलीघर लगाने को लेकर हुए करार की अवधि बढ़ाये जाने के फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहाकि यह फैसला राज्य की जनता के खिलाफ है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहाकि जब परियोजनाएं शुरू ही नही हुई तो अवधि विस्तार कैसा। इस फैसले ने सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम की पारदर्शिता और नियत दोनों पर सवाल खड़ा कर दिये हैं। सरकार स्पष्ट करें कि इन बिजलीघरों से पैदा होने वाली बिजली की सम्भावित लागत क्या होगी।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा एम0ओ0यू0 की अवधि बढाये जाने से निजी कंम्पनियों को लाभ और जनता को नुकसान होगा। सरकार से प्रश्न किया कि वह स्पष्ट करें कि किसके हितों की पूर्ति के लिये निजी कंम्पनियों के साथ हुए करार को निरस्त न कर उसकी अवधि को आगें बढ़ाया जा रहा हैं। निजी कंम्पनियों के साथ हुए करार पर राज्य सरकार की नियत में खोट की आशंका जताते हुए उन्होंने कहाकि पहले से ही संदेह के घेरे में रहे करार को पुनः 18 माह की अवधि का विस्तार किसी भी दशा में उचित नही हैं और तब तो और भी सवाल खड़े होते हैं जब मुख्यमंत्री ने खुद कोल लिंकेज की कठिनाईयो का जिक्र विधानसभा में अपने भाषण मे किया।
श्री पाठक ने कहा बिना टेंडर प्रक्रिया के बिजलीघर लगाना और फिर मनमाने ढंग से बिजली की दरे तय करने के अधिकार से निजी कंम्पनियो को बड़ा मुनाफा होगा क्योंकि यह पता लगाने की कोई सटीक प्रक्रिया नहीं है कि बिजलीघर स्थापित करने की वास्तविक लागत क्या है, इसलिये कंम्पनियों द्वारा जो निर्माण लागत बताई जायेगी उसी के हिसाब से दरे तय कर दी जायेंगी। जिसका सीधा असर आम जनता पर होगा। बिजलीघर लगाने के कार्य में निजी कंम्पनियों की लापरवाही से देरी हो चुकी है। जिसके कारण लागत 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। ऐसे में बिजली की दरेां मे बढ़ोत्तरी होगी और बोझ जनता पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि किसके हितों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार निजी कंम्पनियों के लिये जमीन, पानी और कोयले का इंतजाम कर रही है जबकि एम0ओ0यू0 के हिसाब से इन सबका इंतजाम कंम्पनियों को करना था। राज्य सरकार को यदि उन्ही निजी कंम्पनियों को यही सारी सुविधाएं ही देनी थी तो फिर बगैर टेण्डर प्रक्रिया के निजी कंम्पनियों को सहुलियते देकर क्या लाभ होगा। उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि अपने फैसले पर राज्य की जनता के हित में पुनः विचार करें, स्वस्थ प्रतिस्र्पधात्मक निविदा अमंत्रित कर राज्य में नयें बिजलीघर लगे इसके लिए सरकार प्रयास करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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