नगर निकायों के निर्वाचन को पूर्णतः स्वतंत्र एवं निपष्क्ष रूप से सम्पादित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता तैयार की गई है जो इन निर्वाचन के दौरान सभी उम्मीदवारों, दलों, मतदाताओं शासकीय/अर्धशासकीय विभागों के अधिकारियों -कर्मचारियों आदि पर लागू होगी।
जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी अजय चैहान ने अपील की है कि आदर्श आचार संहिता का अनुपालन करें ताकि निर्वाचनों की स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता बनी रहे।
उन्होंने कहा है कि उम्मीदवार यह सुनिश्चित करें कि अपने चुनाव प्रचार हेतु किसी अन्य व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झण्डा लगाने, झण्डियां टांगने पोस्टर चिपकाने, संदेश या नारे लिखने लिखवाने जैसे काम उस व्यक्ति की अनुमति के बिना न करें और न ही अपने चुनाव कार्य कत्र्ताओं को ऐसा करने दें। कोई भी उम्मीदवार अन्य उम्मीदवार के पक्ष में लगाये गये झण्डे-पोस्टरों को नही हटायेगा।
किसी हाट/बाजार या सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा या रैली के आयोजन के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति ली जायेेगी, उम्मीदवार यह सुनिश्चित करेगें कि अपने जुलूस उन्ही मार्गों से ले जाए जंहा के लिए उन्हें पूर्वानुमति मिली हो और उनमें कोई फेर बदल नही किया जायेगा। उम्मीदवार यह सुनिश्चित करेगें कि उनके जुलूसों-सभाओं या रैलियों मे लोग ऐसी चीजे लेकर न चलें जिनको लेकर चलने पर प्रतिबन्ध हो या जिनका उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता है। सभा या रैली के सम्बन्ध में लाउडस्पीकर के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुज्ञा हेतु उम्मीदवार पर्याप्त समय पूर्व आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगें। मतदान खत्म होने के निर्धारित समय से 48 घण्टे पूर्व सार्वजनिक सभा व चुनाव प्रचार बन्द कर दिया जायेगा।
आचार संहिता में स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी उम्मीदवार ऐसा कोई कार्य नही करेगा जिससे किसी धर्म (मजहब) सम्प्रदाय, जाति के सामाजिक वर्ग के लोगो की भावना आहत हो या उनमें तनाव की मनः स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना हो। पूजा स्थलों जैसे मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, गिरजाघर आदि का उपयोग निर्वाचन में प्रचार हेतु तथा निर्वाचन सम्बन्धी अन्य कार्यो हेतु नहीं किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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