समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि “कपड़ा रोटी सस्ती होगी, दवा-पढ़ाई मुफ्ती होगी“ समाजवादियों का यह पुराना नारा रहा है। मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी पिछली सरकार में गरीबों को सस्ते इलाज की सुविधा देने की पहल की थी। उन्होने अस्पताली पर्चा सिर्फ एक रूपया में बनाने का आदेश दिया था। विधान सभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी ने चिकित्सा संबंधी जो वायदे किए थे, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के पहले बजट में ही उनको पूरा करने की दिषा में ठोस कदम उठाए हैं।
समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में असाध्य रोगों के निःशुल्क इलाज का वचन दिया गया था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। प्रदेश के समस्त राजकीय मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालय मंें गम्भीर रोगों जैसे कैंसर, हृदयरोग, गुर्दा रोग के निःशुल्क इलाज के लिए 25 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। लखनऊ में उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपए की योजना प्रस्तावित है।
राज्य सरकार ने प्रत्येक मण्डल में मेडिकल कालेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का इरादा कर लिया है। नए निर्माणाधीन मेडिकल कालेजों और सैफई के पैरा मेडिकल संस्थान के लिए बजट में 249Û81 करोड़ रूपए रखे गए है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, सैफई इटावा के विभिन्न निर्माण कार्यो हेतु 60 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश विगत कई दषकों से जापानी इन्सेफलाईटिस की बीमारी से पीडि़त है। इस अभिशाप से प्रदेश को मुक्ति दिलाने हेतु मेडिकल कालेज, गोरखपुर एवं प्रभावित जनपदों के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत चिकित्सा व्यवस्था हेतु तैयार किया जाएगा। एलोपैथी चिकित्सा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य हेतु 4,719Û87 करोड़ रूपए रखे गए है। जिला अस्पतालों में आवश्यक मशीनों तथा सीटी स्कैन, एक्सरे मशीन, ईसीजी तथा अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की खरीद होगी ताकि जिला स्तर पर ही आम जनता को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।
प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार एवं विस्तार हेतु बजट में 7,033Û86 करोड़ रूपयों की व्यवस्था की है जो गत वर्ष की व्यवस्था से 21 प्रतिशत अधिक है तथा कुल बजट का 3Û7 प्रतिशत है। यह मुख्यमंत्री जी की जन सामान्य के प्रति संवेदनशीलता है अन्यथा पिछली बसपा सरकार ने तो स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र को लूट और वसूली का अड्डा ही बना दिया था। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में तो इतनी लूट मची कि उसके फेर में 6 अधिकारियों की मौतें हो गई। घोटाले की सीबीआई जांच में मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी फंसे हैं। स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य बिगाड़ने वाले अधिकारियों, मंत्रियों और उनके संरक्षकों की अब सही चिकित्सा होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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